जुबिली न्यूज़ डेस्क
उत्तर प्रदेश में कोरोना वैक्सीन को लेकर सियासत तेज हो गयी है। कोई वैक्सीन को लगवाने से इंकार कर रहा है तो कोई इसका समर्थन कर रहा है। बीते दिन अखिलेश यादव ने कोरोना वैक्सीन को लगवाने से मना कर दिया जिसके बाद उनके इस बयान की खूब किरकिरी हुई।
इसके बाद अब बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी वैक्सीन के भारत आगमन को सराहा है। उन्होंने स्वदेशी वैक्सीन की सफलता पर वैज्ञानिकों को बधाई भी दी है।
मायावती ने ट्वीट कर लिखा कि अति-घातक कोरोना वायरस महामारी को लेकर आए स्वदेशी वैक्सीन (टीके) का स्वागत व वैज्ञानिकों को बहुत-बहुत बधाई। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से विशेष अनुरोध भी किया। उन्होंने कहा कि देश में सभी स्वास्थ्यकर्मियों के साथ-साथ सर्वसमाज के अति-गरीबों को भी इस टीके की मुफ्त व्यवस्था की जाए तो यह उचित होगा।
अति-घातक कोरोनावायरस महामारी को लेकर आए स्वदेशी वैक्सीन (टीके) का स्वागत व वैज्ञानिकों को बहुत-बहुत बधाई। साथ ही, केन्द्र सरकार से विशेष अनुरोध भी है कि देश में सभी स्वास्थ्यकर्मियों के साथ-साथ सर्वसमाज के अति-गरीबों को भी इस टीके की मुफ्त व्यवस्था की जाए तो यह उचित होगा।
— Mayawati (@Mayawati) January 3, 2021
जहां एक तरफ बसपा सुप्रीमो ने कोरोना वैक्सीन की सफलता पर तारीफ की हैं तो वहीं दूसरी तरफ बीते दिन सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था कि ये वैक्सीन बीजेपी की है और इसे मैं नहीं लगवाऊंगा, क्योंकि मुझे बीजेपी पर भरोसा नहीं है।
उन्होंने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि जो सरकार ताली और थाली बजवा रही थी, वो वैक्सीनेशन के लिए इतनी बड़ी चेन क्यों बनवा रही है। ताली और थाली से ही कोरोना को भगवा दें ना।
उन्होंने कहा, ‘मैं अभी कोरोना वायरस की वैक्सीन नहीं लगवाऊंगा। मैं बीजेपी की वैक्सीन पर कैसे भरोसा कर सकता हूं। जब हमारी सरकार बनेगी तो सभी को मुफ्त वैक्सीन मिलेगी। हम बीजेपी की वैक्सीन नहीं लगवा सकते हैं।’
अखिलेश के इस बयान के बाद सत्तारूढ़ पार्टी हमलावर हो गया उनके इस बयान पर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है अखिलेश यादव को वैक्सीन पर भरोसा नहीं है। वहीं उत्तर प्रदेश वासियों को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर भरोसा नहीं है। अखिलेश यादव का वैक्सीन पर सवाल उठाना हमारे देश के चिकित्सकों एवं वैज्ञानिकों का अपमान है। अखिलेश यादव को अपने बयान के लिए माफ़ी मांगनी चाहिए।