न्यूज डेस्क
घर वापसी करते हुए मजदूरों पर यूपी में शुरू हुई बस की सियासत में भाजपा को मायावती का साथ मिल गया है । एक के बाद एक ट्वीट के जरिए मायावती ने कांग्रेस को जब आड़े हाँथ लिया तो भाजपा के लिए ये एक बड़ी मदद थी ।
यूपी से शुरू हुआ बस विवाद अब राजस्थान पहुंच चुका है। राजस्थान की गहलोत सरकार ने योगी सरकार को 36.36 लाख रुपये का बिल भेजकर आग में घी डाल दिया है। यह बिल कोटा से यूपी लाए गए बच्चों के लिए 70 बसें उपलब्ध करवाने को लेकर भेजा गया है।
इसके बाद राजस्थान सरकार के डिप्टी सीएम सचिन पायलेट ने मोर्चा सम्हाल लिया । कांग्रेस का कहना है कि यूपी की सरकार ने खुद ही इन बसों के बिल मांगे थे । इस बहस में अचानक मायावती भी कूद गई ।
मायावती के इस कदम के पीछे दो वजहें हैं । पहली वजह तो ये है कि राजस्थान की सरकार को स्थिर करने के लिए कांग्रेस ने बसपा के विधायकों को तोड़ लिया था और दूसरी वजह ये कि यूपी के दलित वोटों पर कांग्रेस की निगाह लगी हुई है जिससे बसपा सुप्रीमो खुद को असहज मान रही है ।
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बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी इसे लेकर कांग्रेस को खूब खरी-खोटी सुनाई है। मायावती ने अपने ट्वीट में लिखा –
1. राजस्थान की कांग्रेसी सरकार द्वारा कोटा से करीब 12000 युवा-युवतियों को वापस उनके घर भेजने पर हुए खर्च के रूप में यूपी सरकार से 36.36 लाख रुपए और देने की जो माँग की है वह उसकी कंगाली व अमानवीयता को प्रदर्शित करता है। दो पड़ोसी राज्यों के बीच ऐसी घिनौनी राजनीति अति-दुखःद। 1/3
— Mayawati (@Mayawati) May 22, 2020
मायावती ने राजस्थान पर घिनौनी राजनीति करने का आरोप लगाया है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘राजस्थान की कांग्रेसी सरकार द्वारा कोटा से करीब 12000 युवा-युवतियों को वापस उनके घर भेजने पर हुए खर्च के रूप में यूपी सरकार से 36.36 लाख रुपये और देने की जो मांग की है वह उसकी कंगाली और अमानवीयता को प्रदर्शित करता है। दो पड़ोसी राज्यों के बीच ऐसी घिनौनी राजनीति अति-दुखःद है।’
2. लेकिन कांग्रेसी राजस्थान सरकार एक तरफ कोटा से यूपी के छात्रों को अपनी कुछ बसों से वापस भेजने के लिए मनमाना किराया वसूल रही है तो दूसरी तरफ अब प्रवासी मजदूरों को यूपी में उनके घर भेजने के लिए बसों की बात करके जो राजनीतिक खेल खेल कर रही है यह कितना उचित व कितना मानवीय? 2/3
— Mayawati (@Mayawati) May 22, 2020
इतना ही नहीं मायावती ने दूसरा ट्वीट करके कांग्रेस के कृत्य को अमानवीय बताया। उन्होंने लिखा, ‘कांग्रेसी राजस्थान सरकार एक तरफ कोटा से यूपी के छात्रों को अपनी कुछ बसों से वापस भेजने के लिए मनमाना किराया वसूल रही है तो दूसरी तरफ अब प्रवासी मजदूरों को यूपी में उनके घर भेजने के लिए बसों की बात करके जो राजनीतिक खेल खेल कर रही है यह कितना उचित और कितना मानवीय?’
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इससे पहले मायावती ने ट्वीट किया था कि कांग्रेस बस की राजनीति करने के बजाए श्रमिकों को ट्रेनों से भेजे। उन्होंने लिखा था कि कांग्रेस को श्रमिक प्रवासियों को बसों से ही घर भेजने में मदद करने पर अड़ने की बजाए, इनका टिकट लेकर ट्रेनों से ही इन्हें इनके घर भेजने में इनकी मदद करनी चाहिए तो यह ज्यादा उचित और सही होगा।
बीते कुछ दिनों से मायावती ने कई बार ऐसे रुख दिखाए हैं जिससे भाजपा को मदद मिलती दिखाई दे रही है ।