जुबिली न्यूज डेस्क
योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए उत्तर प्रदेश विधानसभा में 8,08,736 करोड़ 6 लाख रुपये का बजट पेश किया, जो राज्य के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा बजट है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने इसे प्रदेश के आर्थिक विकास और सामाजिक कल्याण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताते हुए प्रस्तुत किया।
हालांकि, इस बजट पर बीएसपी प्रमुख मायावती ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। मायावती ने कहा कि यूपी सरकार का यह बजट यदि जनहित और जनकल्याण के दृष्टिकोण से और व्यापक होता, तो यह अधिक प्रभावी होता। उन्होंने महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी और पिछड़ेपन को दूर करने की दिशा में सरकार की नीयत और नीतियों की कमी पर सवाल उठाया। मायावती ने यह भी कहा कि यह बजट मुख्य रूप से मध्यम वर्ग को तुष्ट करने वाला है, जबकि सरकार को करोड़ों गरीब परिवारों की दरिद्रता को दूर करने और उनकी बुनियादी जरूरतें पूरी करने की ओर अधिक ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश के शहरों, गांवों और विभिन्न क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की कमी और विषमताएं हैं, और लोगों की मुख्य मांग सड़क, पानी, स्कूल, अस्पताल और रोजगार की बेहतर व्यवस्था है। इसके बजाय, दूसरे प्रकार के वादे करना समस्या का सही समाधान नहीं हो सकता।
मायावती ने यह भी कहा कि भाजपा सरकार का दावा कि यूपी पहले बदहाल था, सही नहीं है। उनकी सरकार के दौरान कानून-व्यवस्था और जनकल्याण में बेहतरीन काम हुआ था, जिसे लोग अब याद करते हैं। भाजपा की नीतियों के चलते बहुजन समाज अब बदहाल है।
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इस बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए, समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल यादव ने इसे एक बड़े घोटाले की पटकथा बताया।वहीं, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि यह बजट प्रदेश की आर्थिक मजबूती, औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन के लिए तैयार किया गया है। सरकार का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ना है।