लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती एक्शन में आ गई हैं। उत्तराखण्ड, बिहार, झारखण्ड, राजस्थान, गुजरात, और ओडिशा के राज्य प्रभारियों को हटाने के बाद आज बसपा सुप्रीमो ने दिल्ली में पार्टी कार्यकर्ताओं की अखिल भारतीय स्तर पर मीटिंग बुलाई है।
इस दौरान यूपी के जोन प्रभारियों, जिलाध्यक्षों और नवनिवार्चित सांसदों के साथ बैठक करेंगी। पार्टी सूत्रों के अनुसार, प्रदेश के 40 समन्वयक और जोनल समन्वयक मायावती के निशाने पर हैं।
माना जा रहा है कि 2019 लोकसभा चुनाव में बसपा को संतोषजनक सीटें न मिलने और कुछ प्रदेशों में करारी हार को लेकर मायावती पार्टी में बड़े स्तर पर फेरबदल कर सकती हैं।
वहीं, बैठक से पहले उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती से नवनिर्वाचित बसपा सांसद राम शिरोमणि वर्मा ने ईवीएम घोटाले का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि लंबे पैमाने पर घोटाला हुआ है। हम लोग पहले से कह रहे हैं कि बैलेट पेपर से चुनाव होना चाहिए, जिसे ना तो चुनाव आयोग मान रहा है, ना सरकार मान रही है। हम चाहते हैं कि बैलेट पेपर से चुनाव कराया जाए, जो निष्पक्ष हो। बहनजी जो भी दिशा निर्देश देंगी, हम उसका पालन करेंगे।
सूत्रों की माने तो चुनाव नतीजों से बेहद नाराज बसपा प्रमुख नवनिर्वाचित सांसदों, जोन इंचार्ज और जिलाध्यक्षों से हार का कारण पूछेंगी। इस बैठक में पार्टी के अन्य कई वरिष्ठ नेता भी बैठक में हिस्सा लेंगे।
बताते चले कि 2012 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से बसपा का ग्राफ लगातार गिरता जा रहा है। हालत यह हो गई कि 2014 के लोकसभा चुनाव में बसपा खाता भी नहीं खोल सकी थी। इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा महज 19 सीटें ही जीत सकी थी। इस बार के लोकसभा चुनाव में सपा से गठबंधन के बावजूद बीएसपी मात्र 10 सीटें ही जीत सकी।