पंकज प्रसून
(लेखक प्रख्यात व्यंगकार हैं )
कथा 1
मैं – किसको वोट देंगे कक्का
कक्का- मोदी जी को
मैं – क्या किया है आपके लिए उन्होंने, कुछ मिला आपको
कक्का- हमका कुछ मिले मिले, देश को बहुत कुछ मिल रहा है
कथा 2
मद्दे पासी लोटा लेकर सुबह सुबह खेत की ओर जा रहे थे
मैंने पूछा- क्यों, भाई देश कहाँ से कहाँ जा रहा और आप लोटा लेकर आज भी.
मद्दे- क्या करें सुबह एक किलोमीटर चलने के बाद ही प्रेशर बनता है,,..
मैं- तो वोट किधर जाएगा
मद्दे- मोदी को
मैं- क्यों शौचालय तो बनवाया नहीं
मद्दे-बनवाया है शौचालय, लेकिन उसमें भूसा रखने लगा हूँ..भुसैला बना दिया है. मोदी जी की वजह से अबकी भूसा बरसात में भीगने से बच गया है
कथा 3
बदरू की अम्मा सरकारी अस्पताल में फ्री इलाज न मिल पाने की वजह से मर गईं
मैं- तो बदरू वोट किधर जाएगा
बदरू- मोदी जी को
मैं- लेकिन अम्मा तो मर गई तुम्हारी सिस्टम का शिकार होकर
बदरू- लेकिन यहां सवाल भारत माता है, मोदी जी भारत माता की रक्षा कर रहे हैं।
कथा 4
मनोहर को दस सालों से नौकरी नही मिल रही, शादी भी रुकी पड़ी है.कभी फॉर्म भरने के बाद भर्ती कैंसिल हो जाती है तो कभी भर्ती के बाद रोक लग जाती है
मैं- तो मनोहर किधर जाएगा वोट
मनोहर- मोदी को
मैं- क्यों, रोजगार तो मिला नहीं
मनोहर- तो क्या हुआ पाकिस्तान में घुस के मारा है उन्होंने. मसूद अजहर ग्लोबल आतंकी घोषित हो गया और आप रोजगार के पीछे पड़े हो..
कथा 5
शांतिलाल के क्षेत्र से जो बीजेपी प्रत्याशी खड़ा हुआ है वह बाहुबली गुंडा है। उसने शांतिलाल की जमीन भी हड़प ली है..
मैं- हां तो शांति भाई वोट किधर जाएगा
शांति- मोदी को
मैं- क्यों, आपकी तो जमीन हड़प ली
शांति- भाई, मैं इसको वोट नही दे रहा, मेरा वोट सीधे मोदी के लिए है। ज़मीन चाहे सब चली जाए लेकिन ज़मीर जिंदा है मेरा..