न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। 2019 में अपना कोई भी काम कराने के लिए 51% लोगों को रिश्वत का सहारा लेना पड़ा है यानी काम कराने के लिए हर दूसरे व्यक्ति को रिश्वत देनी पड़ी है। ये खुलासा गैर सरकारी संगठन ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया की ओर से कराए गए इंडिया करप्शन सर्वे 2019 में हुआ है।
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया की ओर से यह सर्वे देश के 20 राज्यों के 248 जिलों में कराया गया है। सर्वे के अनुसार देश में पिछले साल की तुलना में भ्रष्टाचार के मामलों में 10% की कमी आई है।
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दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, केरल, गोवा और ओडिशा में भ्रष्टाचार के सबसे कम मामले सामने आए हैं जबकि राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, झारखंड और पंजाब में सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। सर्वे के अनुसार भ्रष्टाचार के लिए सबसे ज्यादा नकदी का इस्तेमाल किया गया है।
सर्वे के अनुसार 2019 में प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के लिए सबसे ज्यादा 26% लोगों ने रिश्वत दी है। इसके बाद पुलिस संबंधी कार्यों के लिए 19% लोगों ने रिश्वत दी।
2019 में 49.3% लोगों ने नकद के रूप में रिश्वत दी जबकि 42.3% लोगों ने एजेंट के माध्यम से अप्रत्यक्ष रूप से भुगतान किया। 8.5% लोगों ने गिफ्ट या अन्य रूप में रिश्वत दी। सर्वे में शामिल 64% लोगों ने माना कि उन्हें रिश्वत देने के लिए मजबूर किया गया ताकि उनका कार्य बिना किसी रूकावट तय समय पर पूरा हो सके।
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82% लोगों का मानना है कि भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए सरकारों ने कोई कदम नहीं उठाए हैं या फिर जो कदम उठाए गए हों वो ज्यादा प्रभावी साबित नहीं हुए हैं। 61% लोगों का कहना है कि भ्रष्टाचार की शिकायत के लिए राज्यों या शहरों की ओर से हेल्पलाइन की स्थापना ही नहीं की है।