न्यूज डेस्क
चीन के वुहान शहर से निकला हुआ कोविड-19 देखते-देखते पूरी दुनिया में फैल गया है। पूरी दुनिया वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की चपेट में है। दुनिया का हर देश वायरस का दंश झेल रहा है। ईरान, इटली, फ्रांस और अमेरिका के बाद दक्षिण अमेरिकी देश ब्राजील इस जानलेवा वायरस का नया हॉटस्पॉट बना हुआ है।
ब्राजील में कोरोना वायरस से मरने वाले लोगों की संख्या गुरुवार को 20,000 के पार चली गई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में 24 घंटों में सबसे अधिक मौतें हुई। यह देश लातिन अमेरिका में कोरोना वायरस का केंद्र है और एक दिन में 1,188 लोगों की मौत के साथ संक्रमण से जान गंवाने वाले लोगों की कुल संख्या 20,047 पर पहुंच गई। ब्राजील में संक्रमण के 3,10,000 से अधिक मामले हैं।
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वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि जांच में कमी का मतलब है कि वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक है। संक्रमण और मौत के मामले तेजी से बढ़ने के साथ ब्राजील संक्रमण के कुल मामलों के लिहाज से दुनिया का तीसरा देश है। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार मरने वाले लोगों की संख्या महज 11 दिनों में दोगुनी हो गई है।
कोविड-19 के रोकथाम में असफल होने पर ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो की चौतरफा आलोचना हो रही है। बीमारी के तेजी से फैलने की चिंता के बावजूद राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो ने गुरुवार को भी देश की चरमराती अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा करने के लिए लॉकडाउन संबंधी पाबंदियों को हटाने की बात कही और वो लगातार लाक डाउन का विरोध कर रहें और इसके खिलाफ आयोजित रैली में शामिल होकर लाकडाउन के नियमों को तोड़ रहे हैं।
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गौरतलब है कि राष्ट्रपति बोल्सोनारो ने कोरोना को साधारण फ्लू बताया था। कोरोना वायरस से लगातार हो रही मौत के बाद भी राष्ट्रपति बोल्सोनारो कोविड 19 को हल्के में ले रहे हैं। हैरानी की बात ये है कि 20,047 मौतों के बाद भी ब्राजील के राष्ट्र्पति लाकडाउन को हटाने के लिए बीते रविववार आयोजित रैली शामिल हुए। चौकाने वाली बात ये है कि कार्निवाल जैसी ये रैली राष्ट्रपति भवन के सामने आयोजित हुई।