जुबिली न्यूज डेस्क
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजनीति में समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव भारतीय जनता पार्टी के वोट बैंक में सेंधमारी की कोशिश करते दिख रहे हैं। इसलिए, उन्होंने पीडीए के इतर भी अपनी राजनीति को आगे बढ़ाने का प्रयास करते दिख रहे हैं। पीडीए यानी पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक समाज को अपने वोट बैंक से जोड़ने की कोशिश की जा रही है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने लगातार ब्राह्मणों और हिंदू समाज के खिलाफ बयान दिया है। हिंदू देवी- देवताओं और धार्मिक ग्रंथों को निशाना बनाकर स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक अलग ही माहौल बनाने का प्रयास किया। माना गया कि इससे समाजवादी पार्टी दलित समाज को जोड़ने में कामयाब हो जाएगा। रामचरितमानस विवाद हो, बद्रीनाथ धाम हो या फिर राम मंदिर पर दिया गया बयान स्वामी प्रसाद मौर्य के बयानों ने हिंदू वर्ग को आक्रोशित किया है। साधु- संतों को लेकर दिए गए उनके बयानों ने भी आक्रोश बढ़ाया है।
स्वामी के बयानों के मामले को पार्टी के फोरम पर उठाने का प्रयास किया। लेकिन, राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव हमेशा पार्टी नेताओं को चुप कराते रहे हैं। दो महिला नेताओं को तो पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। रामचरितमानस विवाद के बाद सीनियर नेताओं ने स्वामी के बयानों को निजी करार दिया। लेकिन, पार्टी के स्तर पर कोई कार्रवाई न किए जाने को लेकर लोगों का आक्रोश बढ़ा हुआ है। लोगों का आक्रोश अब अखिलेश के सामने आया है।
ब्राह्मणों को साधने की कोशिश में सपा
समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनाव 2019 के बाद से ही ब्राह्मण वोट बैंक को साधने की कोशिश शुरू कर दी थी। हालांकि, यूपी चुनाव 2022 में पार्टी को अधिक लाभ नहीं मिला। 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर सपा एक बार फिर ब्राह्मणों को साधने की कोशिश कर रही है। इसको लेकर ब्राह्मण सम्मेलन का आयोजन हो रहा है।
स्वामी प्रसाद के बयान का मुद्दा उछाल दिया
कन्नौज में ब्राह्मण सम्मेलन के दौरान अखिलेश के सामने अजीब स्थिति उत्पन्न हो गई। दरअसल, इस बैठक में ब्राह्मण समाज के प्रतिनिधियों ने अखिलेश के सामने ही स्वामी प्रसाद के बयान का मुद्दा उछाल दिया। इस मामले को लेकर ब्राह्मण समाज के भीतर की नाराजगी की जानकारी भी अखिलेश को मिली है।
अखिलेश यादव के बारे में दावा किया जा रहा है कि वे कन्नौज सीट से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं। ऐसे में एक बड़े वोट बैंक की नाराजगी को वे इस प्रकार से नजरअंदाज नहीं कर सकते। अखिलेश ने सम्मेलन में कहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के इस प्रकार के बयानों पर अंकुश लगाया जाएगा।
स्वामी लगातार दे रहे हैं बयान
स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार बयान दे रहे हैं। पिछले दिनों उन्होंने हिंदू धर्मस्थल, हिंदू ग्रंथ पर हमलों के बाद ब्राह्मणों और साधु- संतों को निशाना बनाया। स्वामी लगातार सार्वजनिक सभाओं में राम मंदिर निर्माण और उद्घाटन समारोह को लेकर बयान दे रहे हैं। इसको लेकर ब्राह्मण और हिंदू समाज की नाराजगी उभरी है।
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सपा के कई ब्राह्मण नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयानों की शिकायत कर चुके हैं। लेकिन, सपा अध्यक्ष की ओर से उन पर कोई कार्रवाई होती नहीं दिखी है। हालांकि, अब अखिलेश के लिए मुश्किलें जमीन पर बढ़ती दिख रही हैं। स्वामी के बयान अखिलेश यादव के पार्टी के वोट बैंक में विस्तार की मुहिम को झटका देते दिख रहे हैं।