जुबिली न्यूज डेस्क
निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण लागू किए जाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में शनिवार को भी सुनवाई हुई। इस दौरान याची पक्ष व सरकारी पक्ष के वकील ने दलीलें दी। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। निर्णय 27 दिसंबर को सुनाया जाएगा।
बता दे कि शुक्रवार को समय की कमी के कारण सुनवाई पूरी नहीं हो सकी थी। न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की खंडपीठ में बीते बुधवार को सुनवाई के दौरान याचियों की ओर से दलील दी गई थी कि निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण एक प्रकार का राजनीतिक आरक्षण है।
ओबीसी आरक्षण तय किए जाने से पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई व्यवस्था के तहत डेडिकेटेड कमेटी द्वारा ट्रिपल टेस्ट कराना अनिवार्य है। वहीं, राज्य सरकार ने हलफनामे में कहा है कि स्थानीय निकाय चुनाव मामले में 2017 में हुए ओबीसी के सर्वे को आरक्षण का आधार माना जाए।
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सरकार की अलग दलीलें
यूपी सरकार ने अपनी आपत्ति में कहा था कि इस काम से चुनाव अधिसूचना में देरी होगी. यह भी कहा गया कि 5 दिसंबर की अधिसूचना का एक मसौदा है, इस पर असंतुष्ट पक्ष आपत्ति दाखिल कर सकते हैं. हाईकोर्ट ने योगी आदित्यनाथ सरकार के तर्क से असंतुष्ट होकर चुनाव अधिसूचना के साथ ही 5 दिसंबर के ड्राफ्ट नोटिफिकेशन पर भी रोक लगा दी थी.
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