जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। इन दिनों देश डिजिटल होने की राह पर तेजी से कदम बढ़ा रहा है, हर सेक्टर अपनी सुविधाओं को ऐप या डिजिटल प्लेटफार्म पर ला रहा है। डिजिटल इंडिया को देखते हुए कई बैंक ने भी अपनी लोन सुविधाओं को डिजिटल कर दिया है। लेकिन अब ये सुविधा ही लोगों के लिए मुसीबत बन रही है।
भारत के कई राज्यों में पिछले कुछ समय में 15 से ज्यादा लोगों ने मौत को गले लगा लिया। आत्महत्या के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं, ऐसे में इनमें अलग क्या है? इस प्रश्न का जवाब है चाइनीज ऐप। जी हां इन लोगों ने ऐप की मदद से लोन लिया था और चुका न पाने पर इतना प्रताड़ित किया गया कि इन्हें सुसाइड का रास्ता आसान लगा।
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पहले नोटबंदी और अब कोविड महामारी की वजह से देश में डिजिटल लेनदेन का प्रचलन बढ़ा है। जिस तेजी से भारत डिजिटल इकोनॉमी बन रहा है, उसी तेजी से डिजिटल फ्रॉड के मामले भी बढ़े हैं।
कोविड-19 ने कई लोगों के सामने रोजी- रोटी का संकट खड़ा कर दिया है, ऐसे में यदि आप लोन लेने का मन बना रहे हैं तो हमारी आपको सलाह है कि चीनी ऐप्स से दूर ही रहें। अन्यथा आप कर्ज के ऐसे भंवर में फंस जाएंगे जहां से निकलना मुश्किल होगा।
इन ऐप्स की खासियत ये है कि यह बहुत तेजी से लोन आपके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर देते हैं। एक बार इन ऐप्स से लोन लेने के बाद ग्राहक इनके जाल में ऐसे फंस जाते हैं कि उन्हें मौत को गले लगाना आसान रास्ता लगता है। दरअसल जब आप इन ऐप्स को डाउनलोड करते हैं उसी वक्त ये आपसे ऐसी शर्तें स्वीकार करवा लेती हैं, जो आगे चलकर आपके लिए जी का जंजाल बन जाती हैं।
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इन शर्तों में पर्सनल डिटेल के अलावा फोटो और कॉन्टेक्ट लिस्ट भी शेयर करना जरूरी होता है। जिस व्यक्ति को तुरंत रुपयों की जरूरत होती है वह ऐसी शर्तों को बिना पढ़े स्वीकार कर लेता है और यही उसकी सबसे बड़ी गलती होती है। लोन लेने के लिए जैसे ही आप जरूरी दस्तावेज अपलोड करते हैं उसके चंद मिनटों के भीतर ही लोन राशि आपके अकाउंट में ट्रांसफर कर दी जाती है।
ऐसे फंसते हैं कर्जदार
इन ऐप्स से कर्ज तो आसानी से मिल जाता है, लेकिन ब्याज 30 फीसद तक वसूला जाता है। यदि आप ईएमआई समय पर नहीं दे पाते है तो आप पर तीन हजार रुपये तक की पैनल्टी लगा दी जाती है। कर्ज के जाल में फंसे व्यक्ति के पास कभी मैसेज तो कभी कॉल करके उसे रुपये लौटाने के लिए धमकाया जाता है।
यहीं नहीं वे रिश्तेदारों को फोटो भेजकर कर्ज न लौटा पाने की बात पर बदनाम करने तक की धमकी देते हैं। चूंकि ऐप इंस्टॉल करने के दौरान आप अपनी फोटो, कॉन्टेक्ट लिस्ट और पर्सनल डिटेल शेयर कर चुके हैं, ऐसे में आपके पास कोई रास्ता नहीं बचता।
ऐप्स के इस खेल में फंसकर तेलंगाना की 23 वर्षीय एक छात्रा ने फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। छात्रा के परिवार ने लोन मुहैया कराने वाली ऐप के रिकवरी एजेंट पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। छात्रा को सिर्फ 3400 रुपये चुकाने थे।
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6 हजार रुपये लिए, 6 लाख चुकाए
बिहार का ये मामला लोन मुहैया कराने वाली ऐप्स को लेकर आपकी आंखें खोल देगा। लॉकडाउन में सैलरी नहीं मिलने पर एक युवक ने ऐप से 6000 रुपये लोन लिए। सैलरी मिल जाती तो लोन चुक जाता, लेकिन सैलरी नहीं आयी तो 10 दिन के भीतर ही उसे 13 हजार चुकाने को कहा गया। यही नहीं कुछ ही दिनों में यह राशि बढ़कर 6 लाख रुपये हो गई।
इस बीच रिकवरी एजेंट युवक को लोन चुकाने के लिए परेशान करना शुरू कर चुके थे। यही नहीं एजेंट ने एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर युवक के रिश्तेदारों को उसमें एड कर लिया और युवक को फरार बताने लगा। इस प्रताड़ना से पीड़ित युवक ने अंतत: आत्महत्या की कोशिश की, लेकिन परिवार ने किसी तरह उसे बचा लिया। आखिरकार परिवार ने जमीन बेचकर ऐप के लोन की राशि चुकायी।
RBI ने किया सावधान
भारतीय रिजर्व बैंक ने भी इस तरह से लोन देने वाली ऐप्स को लेकर ग्राहकों को सावधान रहने को कहा है। यह एक अंतरराष्ट्रीय रैकेट है, जो भोले- भाले लोगों को निशाना बनाता है। इसमें चीन और इंडोनेशिया के शातिर भी शामिल हैं। हाल ही में दिल्ली एयरपोर्ट से एक चीनी नागरिक को इस मामले में गिरफ्त में लिया गया है।
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