जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। गुलशन कुमार हत्या के केस को लेकर बड़ी खबर आ रही है। दरअसल इस मामले से जुड़ी याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है।
कोर्ट ने गुलशन कुमार हत्या के एक दोषी अब्दुल रऊफ उर्फ दाऊद मर्चेंट की सजा को बरकरार रखी है जबकि बरी हो चुके राशिद मर्जेंट (रऊफ का भाई) को उम्रकैद की सजा दी गई है।
बता दें कि राशिद मर्जेंट (रऊफ का भाई) को सेशन कोर्ट ने पहले बरी किया था। अब्दुल रऊफ अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का पुराना साथी रहा है। टी-सीरीज कंपनी के मालिक गुलशन कुमार को 12 अगस्त 1997 में मुंबई के जुहू इलाके में मौत के घाट उतार दिया गया था। उस दौरान पुलिस ने कई लोगों को पकड़ा था।
गुलशन कुमार की हत्या से जुड़ी कुल चार याचिकाएं बॉम्बे हाई कोर्ट में आई थीं। इसमें तीन अपील रऊफ मर्चेंट, राकेश चंचला पिन्नम और राकेश खाओकर को दोषी ठहराए जाने के खिलाफ थीं। मर्चेंट को गुलशन कुमार हत्या के केस में दोषी ठहराया था, अब कोर्ट ने उसकी सजा को बरकरार रखा है।
वहीं अन्य याचिका महाराष्ट्र सरकार ने दायर की थी यह रमेश तौरानी को बरी करने के खिलाफ थी। हालांकि कोर्ट ने तौरानी के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की अपील खारिज कर दिया है। उनपर हत्या के लिए उकसाने का आरोप था।
टी-सीरीज कंपनी के मालिक गुलशन कुमार को 12 अगस्त 1997 में मुंबई के जुहू इलाके में मारा गया था। बता दें कि गुलशन कुमार को मंदिर के बाहर 16 गोलियों से उनपर हमला किया था जिसमें उनकी मौत हो गई थी।
उसके बाद पुलिस ने फौरन एक्शन लेते हुए कुछ लोगों को पकड़ा भी था और अब कई लोगों पर मुकदमा भी चल रहा है। जस्टिस जाधव और जस्टिस बोरकर ने याचिका पर फैसला सुनाया।
अब्दुल रऊफ को गुलशन कुमार हत्या के केस में दोषी
था। उसे 2002 में उसे उम्रकैद की सजा मिली थी लेकिन 2009 पैरोल लेकर फरार हो गया था। हालांकि बाद उसे बांग्लादेश से भारत लाया गया था।