न्यूज़ डेस्क
और अब बासु दा चले गए ..
बासु दा यानी बासु चटर्जी हिन्दी सिनेमा का एक साफ्ट चेहरा थे , जिनकी कहानियों में प्रेम भी कोमल था और कामेडी भी गुदगुदाने वाली थी। मध्यमवर्ग उनकी फिल्मों के केंद्र में था ।
भला कैसे भूल सकते हैं ‘चमेली की शादी’, ‘खट्टा मीठा’, रजनीगंधा जैसी फिल्मों को, जिनमे उन्होंने अपना जादू बिखेरा था। ये फिल्में अक्सर दर्शकों को खूब गुदगुदाया करती थीं।
टीवी पर भी अस्सी के दशक में बासु चटर्जी क्रांति लेकर आये थे सीरियल “रजनी” के साथ। उन्होंने 1985 में भारतीय टेलीविज़न को दी थी टीवी की पहली गृहणी।
बासु ने भारतीय टीवी को पहला बिना टोपी वाला जासूस भी दिया था। ये सीरियल था 1993 में आया सीरियल ब्योमकेश बख्शी अभिनेता रजित कपूर ने ब्योमकेश का किरदार निभाया था।
साल 2020 ने इतिहास के पन्नो में दर्ज हो चुका है। इस साल की शुरुआत में ही कोरोना वायरस जैसी खतरनाक महामारी ने पूरी दुनिया को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया है। वहीं, बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में भी इसने काफी नुकसान पहुंचाया है। इस साल बॉलीवुड ने कई महान कलाकारों को खो दिया है। इस क्रम में अब मशहूर फिल्ममेकर और स्क्रीनराइटर बासु चटर्जी भी शामिल हो गये हैं।
दिग्गज फिल्म मेकर बासु चटर्जी का आज यानी गुरूवार को निधन हो गया। उन्होंने मुंबई के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे 93 साल के थे। इस बात की जानकारी Indian Film & TV Directors’ Association के अध्यक्ष अशोक पंडित ने ट्वीट कर दी है। उनके निधन से एक बार फिर बॉलीवुड इंडस्ट्री शोक में है।
उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि ‘मुझे आप सबको ये बताते हुए बहुत दुख हो रहा है कि दिग्गज फिल्ममेकर बासु चटर्जी अब नहीं रहे।उनका अंतिम संस्कार सांताक्रूज में दोपहर 2 बजे किया जाएगा। उनका जाना इंडस्ट्री के लिए एक बहुत बड़ा धक्का है। आप बहुत याद आएंगे सर।’
I am extremely grieved to inform you all of the demise of Legendary Filmmaker #BasuChatterjee ji. His last rites will be performed today at Santacruz West (Opp Police station )crematorium at 3 pm.
It’s a great loss to the industry. Will miss you Sir. #RIPBasuChaterjee pic.twitter.com/2Jlu3AqdVX
— Ashoke Pandit (@ashokepandit) June 4, 2020
राजस्थान के अजमेर में 10 जनवरी 1930 को जन्में बासु ने भारतीय फिल्म जगत में बेहद सराहनीय काम किया। उन्होंने मुंबई में एक न्यूज़ पेपर में कार्टूनिस्ट और इलस्ट्रेटर के तौर पर काम की शुरुआत की थी लेकिन किसे पता था कि एक दिन ये इन्सान भारतीय सिनेमा को अगली सीढ़ी पर कदम रखने में मदद करने वाले दिग्गज फिल्ममेकर साबित होगा।
ये भी पढ़े : दर्दनाक..अस्पताल में जगह नहीं मिली, सांस की तकलीफ, संगीतकार अनवर सागर का निधन
ये भी पढ़े : बॉलीवुड के लिए क्यों काल बना 2020
उन्होंने पिया का घर, उस पार, चितचोर, स्वामी, खट्टा मीठा, प्रियतमा, चक्रव्यूह, जीना यहां, बातों बातों में, अपने प्यारे, शौकीन,छोटी सी बात, रजनीगंधा, बातों बातों में, एक रुका हुआ फैसला, चमेली और सफेद झूठ जैसी फिल्मों का निर्देशन किया था।