जुबिली न्यूज़ डेस्क
करण जौहर की आने वाली फिल्म ‘गुंजन सक्सेना- द कारगिल गर्ल’ का पोस्टर जारी हो चुका है। बहुत ही जल्द फिल्म ‘गुंजन सक्सेना’ सोशल मीडिया प्लेटफार्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज होने वाली है। इस बात की जानकारी करण जौहर ने ट्वीट कर दी है।
करण जौहर ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘उसके प्रेरणादायक सफर ने इतिहास रच दिया। ये उसकी कहानी है। गुंजन सक्सेना – द करगिल गर्ल, जल्द आ रही है नेटफ्लिक्स पर।’
यह फिल्म आईएएफ की महिला पायलट गुंजन सक्सेना पर बनी हुई है। इस फिल्म में गुंजन का किरदार निभा रही हैं जान्हवी कपूर, जबकि उनके पिता की भूमिका में नजर आ रहे हैं पंकज त्रिपाठी हैं।
Her inspirational journey made history. This is her story.
Gunjan Saxena – #TheKargilGirl, coming soon on Netflix. #GunjanSaxenaOnNetflix @DharmaMovies @ZeeStudios_ @apoorvamehta18 #Janhvi @TripathiiPankaj @Imangadbedi @ItsViineetKumar #ManavVij @sharansharma pic.twitter.com/RrDQaYWp9R— Karan Johar (@karanjohar) June 9, 2020
गुंजन सक्सेना के बारे में ये बहुत ही कम लोग जानते होंगे कि उन्हें ‘कारगिल गर्ल’ के नाम से जाना जाता है। गुंजन भारतीय वायुसेना में फ्लाइट लेफ्टिनेंट रह चुकी हैं। हालांकि 44 साल की गुंजन अब रिटायर हो चुकी हैं लेकिन गुंजन को उनकी वीरता, साहस और देश प्रेम के लिए शौर्य पुरस्कार मिल चुका है।
दरअसल जब कारगिल युद्ध हो रहा था उस समय गुंजन सक्सेना ने युद्ध क्षेत्र में निडर होकर चीता हेलीकॉप्टर उड़ाया। इस दौरान जब वह द्रास और बटालिक की ऊंची पहाड़ियों से उडकर वापस सुरक्षित स्थान पर जा रही थी तभी पाकिस्तानी सैनिक लगातार उनपर रॉकेट लॉन्चर और गोलियों से हमला कर रहे थे। उनके एयरक्राफ्ट पर मिसाइल भी दागी गई लेकिन उन्होंने किसी तरह से खुद को बचाया।
गुंजन ने बिना किसी हथियार के पाकिस्तानी सैनिकों का मुकाबला कर कई जवानों को वहां से सुरक्षित निकाला। गौरतलब है कि जब गुंजन हंसराज कॉलेज से ग्रेजुएशन कर रही थी उसी समय उन्होंने दिल्ली का सफदरगंज फ्लाइंग क्लब ज्वाइन कर लिया था। उस समय उनके पिता और भाई दोनों ही भारतीय सेना में कार्यरत थे।
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तभी उन्हें खबर मिली कि वायुसेना में पहली बार महिला पायलटों की भर्ती हो रही है। इसके बाद उन्होंने एसएसबी परीक्षा पास की और वायुसेना में बतौर पायलट शामिल हो गईं। उस वक्त सुरक्षा बलों में पुरुष अधिकारियों का वर्चस्व था और भारतीय वायुसेना में महिला अधिकारियों को पुरुषों के बराबर उड़ान भरने का मौका नहीं दिया जाता था।
हालांकि उस समय महिला अधिकारियों को लड़ाकू जेट उड़ाने की अनुमति नहीं थी, लेकिन उनके बैच में चुनी गयी महिलाओं ने भारतीय वायुसेना में पहली बार विमान उड़ाकर इतिहास रच दिया। उस वक्त भारतीय वायुसेना में महिला पायलटों के लिए आरक्षण मिलता था।
1999 में कारगिल युद्ध के दौरान जब भारतीय सेना को पायलट की जरूरत पड़ी, तब गुंजन और श्री विद्या को युद्ध क्षेत्र में उतारा गया। उन्होंने अपने मिशन को पूरा करने के लिए कई बार लाइन ऑफ कंट्रोल के बिल्कुल नजदीक से भी उड़ान भरी जिससे पाकिस्तानी सैनिकों की पोजिशन का पता चल सके।
इस युद्ध में गुंजन ने दुनिया को दिखा दिया कि महिलाएं क्या कर सकती हैं। अब भारतीय वायुसेना में महिला पायलट भी फाइटर प्लेन उड़ा सकती हैं और इसका श्रेय कहीं न कहीं गुंजन सक्सेना जैसी हिम्मती पायलटों को जाता है।