Wednesday - 30 October 2024 - 5:12 AM

…तो इस तरह से करीब आये थे किरण और अनुपम खेर

जुबिली न्यूज़ डेस्क

देवदास की सुमित्रा आज यानी 14 जून अपना 65 वां जन्मदिन सेलिब्रेट कर रही हैं। उन्होंने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत 1983 में पंजाबी फिल्म ‘आसरा प्यार दा’ से किया था लेकिन इस फिल्म में उनको कुछ खास सफलता नहीं मिल पाई। इसके बाद में उन्होंने बॉलीवुड इंडस्ट्री में कदम रखा। और 1996 में अमरीश पुरी के साथ ‘सरदारी बेगम’ में नजर आई। सरदारी बेगम में किरण खेर की एक्टिंग ने उन्हें रातोरात चर्चा में ला दिया था।

बॉक्स ऑफिस पर कई हिट फिल्म देने वालीं किरण को पति अनुपम खेर के साथ जबरदस्त बॉन्डिंग के लिए भी जाना जाता है। लेकिन उनके बारे में ये बात शायद ही ये बात बहुत कम लोग जानते हैं कि अनुपम खेर के शादी करने से पहले उनकी एक ओर शादी हो चुकी थी।

थिएटर में हुई अनुपम खेर से मुलाकात

दरअसल किरण खेर ने पंजाब यूनिवर्सिटी में थिएटर की पढ़ाई करने के बाद 1979 में मुंबई के एक व्यापारी गौतम बेरी से शादी कर ली थी। शादी के सालभर बाद ही किरण मां बन गईं। लेकिन दोनों की ये शादी ज्यादा लम्बे समय तक नहीं चल सकी। हालांकि किरण से शादी करने से पहले अनुपम भी शादीशुदा थे।

दोनों की मुलाकात थिएटर में हुई थी। उसी समय रिश्तों में तनाव के बाद भी दोनों ने थिएटर करना नही छोड़ा और जब नादिरा बब्बर के प्ले के लिए दोनों कलकत्ता पहुंचे। यहां फिर दोनों की मुलाकात हुई और तब दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ी।

इसके बाद साल 1985 में दोनों ने अपनी शादियां तोड़कर आपस में शादी कर ली। साथ ही अनुपम ने किरण के बेटे सिंकदर को अपना नाम दिया। इस बारे में किरण ने एक इंटरव्यू में बताया था उन्होंने कहा था कि, ‘मेरे बारे में ऐसा कुछ भी नहीं था, जो अनुपम नहीं जानते थे और मैं भी उसके बारे में सब कुछ जानती थी। उनसे जब मेरी मुलाकात हुई तो मुझे ऐसा कि जैसे वो मुझे इम्प्रेस करने की कोशिश कर रहे है।

गौरतलब है कि किरण खेर का जन्म चंडीगढ़ की एक पंजाबी जट सिख फैमिली में हुआ था। उनका पूरा नाम किरण ठाकर सिंह संधू है। शादी के बाद किरण पहली बार अनुपम खेर, शबाना आजमी और नसीरुद्दीन शाह की फिल्म ‘पेस्टॉनजी’ में नजर आई थीं। इस फिल्म में उनके किरदार को आज भी याद किया जाता है।

40 साल की उम्र में मिली असली पहचान

किरण खेर ने बॉलीवुड में कई फिल्में की लेकिन उन्हें असल पहचान सरदारी बेगम के दौरान मिली। इस फिल्म में उनकी सशक्त भूमिका को देखते हुए आगे भी उन्हें उसी तरह के रोल मिले। उसके बाद उनके लिए सबसे बड़ी कामयाबी की फिल्म आई 1999 में। ऋतुपर्णो घोष के डायरेक्शन में बनी फिल्म बाड़ीवाली में भी किरण की एक्टिंग की खूब तारीफ हुई। इस फिल्म के लिए किरण खेर को नेशनल अवॉर्ड भी मिला था।

इसके बाद किरण ने अपनी एक्टिंग की असली छाप 2002 में संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘देवदास’ से छोड़ी। उनकी एक्टिंग की हर किसी ने सराहना की। इस फिल्म में उन्होंने ऐश्वर्या राय की मां का किरदार किरदार निभाया था. इसके बाद से उन्हें फिल्मों में मां के किरदार ही ज्यादातर निभाए, जो सुपरहिट रहे।

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