पॉलिटिकल डेस्क।
राष्ट्रपति भवन में गुरुवार को पीएम मोदी और उनकी कैबिनेट में शामिल मंत्रियों ने शपथ ली।राष्ट्रपति भवन में मोदी सरकार के मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान ओडिशा के बालासोर से सांसद प्रताप चंद सारंगी जब शपथ ग्रहण करने पहुंचे तो वहां मौजूद सभी लोगों के चेहरे खिल गए। अमित शाह सहित अन्य नेताओं ने सारंगी का स्वागत ताली बजाकर किया।
प्रताप चंद्र सारंगी शपथ लेने के लिए उठे तो पूरे राष्ट्रपति भवन में इतनी तालियां बजीं जो अखबारों की सुर्खियां बन गईं। मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक सभी जगह सारंगी की सादगी और ईमानदारी को लेकर तारीफ की जा रही है। लेकिन सोशल मीडिया पर ही एक और खबर भी तेजी से वायरल हो रही है।इस खबर में ओडिशा के मोदी पर संगीन आरोप लगाए जा रहे हैं और बताया जा रहा है कि उन पर आपराधिक मुकदमे भी दर्ज हैं।
कांग्रेस नेता पंखुड़ी पाठक ने भी एक ट्वीट करते हुए प्रताप चन्द्र सारंगी के अपराधिक इतिहास पर कटाक्ष किया है। उन्होंने लिखा है कि, क्यूँकि इलेक्शन affidavit में तो व्यक्ति अपने ऊपर चल रहे आपराधिक मुक़दमों पर झूठ नहीं लिखेगा। मोदी मंत्रालय के प्रताप सारंगी को मीडिया ने हीरो बना दिया और जनता ने नया प्रोडक्ट आँख बंद कर ख़रीद लिया। लेकिन भला कोई बिना आपराधिक इतिहास के भाजपा में यहाँ तक कैसे पहुँच सकता है ?
क्यूँकि इलेक्शन affidavit में तो व्यक्ति अपने ऊपर चल रहे आपराधिक मुक़दमों पर झूठ नहीं लिखेगा ।
मोदी मंत्रालय के #प्रताप_सारंगी को मीडिया ने हीरो बना दिया और जनता ने नया प्रोडक्ट आँख बंद कर ख़रीद लिया ।
लेकिन भला कोई बिना आपराधिक इतिहास के भाजपा में यहाँ तक कैसे पहुँच सकता है ? pic.twitter.com/QS81PEDyqV
— Pankhuri Pathak پنکھڑی (@pankhuripathak) May 31, 2019
इस विषय में जब हमने और अधिक जानकारी हासिल करने की कोशिश की तो एक न्यूज़ वेबसाइट पर इससे जुड़ी खबर मिली। वेबसाइट के मुताबिक, सारंगी पर कई संगीन आरोप हैं।16 मार्च, 2002 की है। 500 से भी ज़्यादा बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद और दुर्गा वहिनी के कार्यकर्ता ओडिशा विधान सभा में ज़बरदस्ती घुस आए थे। वहां जमकर तोड़ फोड़ की गई। बीजेडी के कई विधायक, पुलिसकर्मी समेत कई पत्रकार भी उनकी हिंसा का शिकार हुए थे। इस घटना की बहुत निंदा की गई।
अगले दिन पुलिस ने बजरंग दल की ओडिशा इकाई के अध्यक्ष समेत बालासोर से वर्तमान सांसद प्रताप चंद्र सारंगी को गिरफ़्तार किया। उन पर आगज़नी, दंगा-फ़साद, दंगा भड़काने समेत कई संगीन आरोप लगाए गए।
इसके आलावा एक और घटना का जिक्र वेबसाइट पर किया गया है। 22-23 जनवरी, 1999 की है। ओडिशा-बंगाल बॉर्डर में स्टेंस नाम के ऑस्ट्रेलियाई नागरिक को और उनके बच्चों को एक गाड़ी में ज़िंदा जला दिया गया था। दावा है कि इस निर्मम हत्या के पीछे बजरंग दल का हाथ था। उस दौर में बजरंग दल ओडिशा के सह-संयोजक प्रताप चंद्र सारंगी थे।
बता दें कि राजनीतिक लोगों पर आम तौर पर कई मुक़दमे होते हैं। कई मुक़दमे राजनीति से प्रेरित भी होते हैं। ऐसे में यह समझ पाना बड़ा मुश्किल होता है कि आखिर सच्चाई क्या है ?