जुबिली न्यूज़ डेस्क
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े भारतीय मजदूर संघ ने केंद्र की मोदी सरकार द्वारा एलआईसी में अपनी हिस्सेदारी बेचने के फैसले का जोरदार विरोध किया है। संगठन ने जीवन बीमा निगम और बैंक में विनिवेश के उठाए गए कदम को घातक बताया है।
आरएसएस से संबद्ध भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम में विनिवेश का विरोध करते हुए कहा है कि इससे करोड़ों लोगों की सामाजिक सुरक्षा संकट में पड़ने की आशंका है।
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बीएमएस की 145 वीं राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में रविवार को पारित एक प्रस्ताव में कहा गया कि केंद्रीय बजट 2020-2021 में एलआईसी और आईडीबीआई में विनिवेश का प्रस्ताव घातक होगा। बैठक बीएमएस के अध्यक्ष सी. के. साजी नारायणन की अध्यक्षता में आयोजित की गयी और महासचिव बृजेश उपाध्याय इसमें मौजूद रहे।
बीएमएस ने कहा कि मध्यम वर्ग को सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराने में एलआईसी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है और छोटे कारोबारियों के लिए आईडीबीआई एक महत्वपूर्ण निवेशक है।
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सरकार यदि इन दोनों संस्थानों में विनिवेश का प्रस्ताव करती है तो ये सामाजिक दायित्व का पूरी तरह से पालन नहीं कर पायेंगे। सरकार का यह कदम कर्मचारियों के लिए भी घातक होगा।
प्रस्ताव में कहा गया है कि सरकार के इस कदम से साफ है कि अर्थव्यवस्था नाजुक दौर से गुजर रही है और सरकार संसाधन जुटाने के लिए सार्वजनिक संपदा को बेचने का प्रयास कर रही है।
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बीएमएस का कहना है कि संसाधन जुटाने के तौर तरीकों पर राष्ट्रीय बहस की आवश्यकता है। संगठन ने आशंका व्यक्त की है कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में विनिवेश के बाद सरकारी संपत्तियां बेचनी शुरू की जा सकती है।