जुबिली स्पेशल डेस्क
मोदी तीसरी बार सत्ता पर काबिज होने जा रहे हैं लेकिन इस बार वो इतने ज्यादा मजबूत नहीं है, जितने पहले थे। दरअसल बीजेपी को बहुमत नहीं मिला है और अब उसे गठबंधन सरकार चलाने पर मजबूर होना पड़ा।
भले ही मोदी तीसरी बार पीएम बन रहे हैं लेकिन सत्ता का असली पॉवर नीतीश कुमार और नायडू जैसे नेताओं के हाथ में रहेगा।
कल एनडीए की बैठक हुई और नीतीश कुमार और नायडू इस बैठक में शामिल हुए और बीजेपी ने इन दोनों को हाथों-हाथ लिया और मोदी ने अपने बगल में उनको जगह भी दी।
इससे पता चल रहा है कि मोदी कितने दबाव में हैं और सरकार में बने रहने के लिए उनको दोनों का साथ बेहद जरूरी है।
उधर जानकारी के अनुसार नीतीश कुमार की जदयू और चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी नई सरकार में बड़े मत्रालयों की चाहत रखते हैं और उन्होंने सरकार बनने से पहले ही मोदी को इस बात की जानकारी भी दे दी है।
हालांकि शुरू में बीजेपी इसे मानने को तैयार नहीं थी लेकिन बाद में वो मान गई है लेकिन अब उसने दोनों नेताओं के सामने बड़ी शर्त रखी है, जिससे मानना नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू का मानना आसान नहीं होगा। दरअसल गृह, रक्षा, वित्त, विदेश, राजमार्ग, वाणिज्य, रेलवे, कृषि, पेट्रोलियम जैसे मंत्रालय अपने पास चाहते हैं लेकिन बीजेपी इसे मानने को तैयार नहीं है क्योंकि वो बड़ी पार्टी।
हालांकि उनके सहयोगियों का कहना है कि सत्ता में उसकी हिस्सेदारी बड़े स्तर होना चाहिए। बीजेपी ने इसके बदले में एक शर्त रख दी है और कहा है कि वो बड़े मंत्रालय देने को तैयार है लेकिन इसके लिए अगर खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू इन मंत्रालयों की जिम्मेदारी लेंगे, तभी भाजपा टॉप मंत्रालय जदयू और टीडीपी को देगी।
ये संभव नहीं लग रहा है क्योंकि नीतीश को सीएम पद छोडऩा होगा और यहीं सब चंद्रबाबू नायडु को भी करना करना होगा यानी उनको को सीएम पद की शपथ नहीं लेनी होगी।