न्यूज डेस्क
देर शाम तक झारखंड के चुनावी नतीजे सामने आ जायेंगे और तस्वीर साफ हो जायेगी कि सत्ता में किसकी सरकार बनेगी। हाल-फिलहाल झारखंड के ताजा रूझान के अनुसार बीजेपी सत्ता से दूर नजर आ रही है। यदि झारखंड की सत्ता से बीजेपी निष्कासित होती है तो एक साल में यह पांचवा राज्य होगा। बीजेपी के लिए यह बड़ा झटका है।
झारखंड के चुनावी रूझान जहां बीजेपी की मुश्किले बढ़ा रहे हैं तो वहीं कांग्रेस को सत्ता के करीब दिखा रहे हैं। वहीं सोनिया गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद झारखंड दूसरा राज्य होगा जहां कांग्रेस की गठबंधन सरकार बनेगी।
इससे पहले महाराष्ट्र में सियासी संग्राम देखने को मिला था। एक माह के जद्दोजहद के बाद शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के सहयोग से सरकार बनाने में कामयाब हो पायी थी। बहुमत से दूर बीजेपी अंतिम समय तक सरकार बनाने की कोशिश करती रही, लेकिन कामयाब नहीं हो पायी।
वहीं महाराष्ट्र से पहले भाजपा ने मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ जैसे महत्वपूर्ण राज्यों की सत्ता खोई। कुल मिलाकर एक साल में बीजेपी ने पांच राज्यों को गंवाया है।
राष्ट्रीय मुद्दे नहीं रहे कारगर
मालूम हो कि अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद पहला विधानसभा चुनाव है। झारखंड में बीजेपी ने राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर चुनाव लड़ी। झारखंड चुनाव के बीच ही नागरिक संसोधन कानून भी पास हुआ। बीजेपी ने राम मंदिर निर्माण और सीएए दोनों को भुनाने की कोशिश की, लेकिन झारखंड की जनता ने रूचि नहीं ली। इतना ही नहीं भाजपा ने सीएए के बहाने राष्ट्रवाद का भी मुद्दा भुनाने की कोशिश की गई, लेकिन बीजेपी कामयाब नहीं हो पाई। वहीं कांग्रेस, जेएमएम ने चुनाव में स्थानीय मुद्दों को प्राथमिकता में रखा।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने चुनाव प्रचार में कहा था कि चार महीने में अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनेगा। पर, लगता है जनता पर इसका असर नहीं हुआ। हालांकि राजनीतिक पंडितों ने पहले ही अनुमान जताया था कि झारखंड की सत्ता से बीजेपी जा रही है। चुनावी सर्वें में भी बीजेपी को बहुमत से दूर दिखाया गया है।
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