जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। चिराग पासवन भले ही सरकार में शामिल हो लेकिन कई मौकों पर सरकार से उनकी अलग राय रही है। इतना ही नहीं केंद्र सरकार के कई फैसलों पर भर वो समय-समय सवाल उठाते रहते हैं। ऐसे में बीजेपी अब उनको काबू करना चाहती है।
इस वजह से वो अब उनके चाचा पशुपति पारस को अब एक बार फिर से एनडीए में जगह देने की सोच रही है और इसी के तहत पशुपति पारस को लेकर कोई बड़ा फैसले लेने की तैयारी में है। जानकारी के मुताबिक उन्हें जल्द ही किसी राज्य का राज्यपाल या फिर किसी महत्वपूर्ण केंद्रीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
अगर ऐसा होता है बीजेपी की तरफ ये चिराग पासवन के लिए एक बड़ा संदेश हो सकता है। बीजेपी अगर पशुपति पारस का कद बढ़ाकर उन्हें किसी राज्य का राज्यपाल या किसी केंद्रीय बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त करती है तो उसके इस कदम से चिराग पासवन पर दबाव बनेगा और पशुपति पारस चिराग पासवान के बराबर आ जाएंगे और फिर भाजपा पशुपति पारस के जरिए चिराग पर काबू करना चाहेंगा।
हाल के दिनों चिराग पासवन ने केंद्र सरकार के कुछ फैसलों पर सवाल उठाया है, उनमें वक्फ बिल और सरकारी नौकरी में लैटरल एंट्री का विरोध किया था।
साथ ही चिराग पासवान ने सुप्रीम कोर्ट के अनुसूचित जाति और जनजाति कोटा में सब कैटिगरी और क्रीमी लेयर को चिन्हित करने के फैसले का भी विरोध किया था।
इस वजह से बीजेपी उनसे नाराज चल रही है जबकि चिराग पासवन और नीतीश कुमार के रिश्तों में भी काफी उतारचढ़ाव देखने को मिलता है।
बीजेपी अगले साल होने वाले विधान सभा चुनाव को ध्यान में रखकर पशुपति पारस का कद बढ़ाने की सोच रही है। बीजेपी चाहती है कि अगले विधान सभा चुनाव में जीत मिले और बिहार में भी बीजेपी का सीएम हो। इसको लेकर अभी से रणनीति बनानी शुरू कर दी है।