जुबिली न्यूज डेस्क
राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार भले ही बच गई है लेकिन बीजेपी उन्हें घेरने के लिए अब अपने तरकश से नया मुद्दा निकाल चुकी है। विधानसभा में बीजेपी फोन टैपिंग मुद्दे के सहारे गहलोत को घेरने की तैयारी में है।
गहलोत सरकार के ऊपर से सियासी संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा। सचिन पायलट की वापसी से सरकार पर से संकट के बादल जरूर हट गए लेकिन विपक्षी दल बीजेपी गहलोत की मुश्किलें बढ़ाने में लगी हुई है।
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बहुमत परीक्षण के दौरान कह चुके हैं कि सरकार ने किसी विधायक का फोन टेप नहीं करवाया है, लेकिन विपक्ष अब इस मुद्दे को विधानसभा में उछालने की तैयारी में दिख रहा है।
विधानसभा के मौजूदा सत्र के लिए गृह विभाग से जो सवाल पूछे गए हैं उनमें फोन टैपिंग भी शामिल है। बीजेपी को उम्मीद है कि इस मुद्दे को लेकर वह कांग्रेस के लिए परेशानी खड़ी कर सकती है।
फोन टैपिंग के 3 ऑडियो हुए थे वायरल
बीजेपीद के वरिष्ठ नेता व विधायक कालीचरण सराफ ने सरकार से सवाल किया है कि पिछले दिनों फोन टैपिंग के कितने मामले सामने आए, और किस कानून व आदेश के तहत यह कार्रवाई की गई?
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पिछले महीने जब गहलोत सरकार जब सियासी संकट का सामना कर रही थी तब फोन टैपिंग के तीन ऑडियो वायरल हुए थे। इन ऑडियो के लिए गहलोत गुट का दावा था कि इनमें भंवरलाल शर्मा, गजेंद्र सिंह शेखावत और विश्वेंद्र सिंह की आवाज थी। जिसे भाजपा ने मुद्दा बनाया और सरकार पर विधायकों की फोन टैपिंग का आरोप लगाया।
हालांकि विपक्ष के इन आरोपों का राज्य सरकार कई बार खंडन कर चुकी है। इसके अलावा पिछले दिनों सोशल मीडिया पर एक और सूची वायरल हुई जिसमें बीजेपी का आरोप था कि गहलोत सरकार बाड़ाबंदी में भी अपने विधायकों के फोन सर्विलांस पर रख रही है।
इन सभी आरोपों को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नकार दिया था। इसी के साथ फोन टैपिंग के मामले में राज्य सरकार पहले ही केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी अपना जवाब भेज चुकी है और केंद्र सरकार की तरफ से भी अब तक सरकार के जवाब को लेकर कोई टिप्पणी नहीं आई है।
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