जुबिली न्यूज डेस्क
पंजाब बीजेपी ने फेसबुक पर एक विज्ञापन पोस्ट किया है जिस पर विवाद हो गया है। दरअसल विज्ञापन में जिस किसान की तस्वीर लगाई गई है उस किसान से अनुमति नहीं ली गई है।
इस किसान को जब मालूम हुआ कि भाजपा ने उसकी तस्वीर का इस्तेमाल किया है तो उसने सवाल उठाया। फिर बीजेपी ने मंगलवार को अपने सोशल मीडिया हैंडल्स से फसलों की एमएसपी खरीद पर किए गए पोस्ट को डिलीट किया।
दरअसल भाजपा ने उस पोस्ट में जिस 36 वर्षीय मॉडल की तस्वीर इस्तेमाल किया था, ऐसा दावा किया गया कि वह सिंधु बॉर्डर पर किसानों के साथ प्रदर्शन करते हुए देखा गया है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक हार्प फार्मर के नाम से मशहूर होशियारपुर के हरप्रीत सिंह ने पंजाब भाजपा के सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करते हुए दावा किया कि उन्हें जिस तस्वीर में एक खुशहाल किसान के रूप में दिखाया गया है, वह उनसे बिना पूछे इस्तेमाल की गई।
एक वीडियो संदेश में पंजाब बीजेपी पर हमला बोलते हुए हरप्रीत ने कहा, ‘मैं कृषि विधेयकों के खिलाफ हूं और उन्होंने मुझे पोस्टर बॉय बना दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने जिस तस्वीर का इस्तेमाल किया है वह छह साल पहले की है।’
हरप्रीत ने कहा, ‘अब केवल एमएसपी मुद्दा नहीं रह गया है, कई और मांगें भी हैं। पंजाब के किसान करीब एक महीने से दिल्ली की सीमाओं पर हैं और उनकी मांगें माने जाने के बाद ही वे वापस आएंगे।’
हरप्रीत ने कहा कि उनकी सहमति के बिना तस्वीर इस्तेमाल किए जाने को लेकर वह भाजपा को कानूनी नोटिस भेजने पर विचार कर रहे हैं।
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Besharmi Di Vi Koi Hadd Hundi Ae
Par Lagdaa Inaa Kol JIO De Unlimted Internet Waang Ina Kol Besharmi Di Hadd Vi Unlimted ae. Inaa Nu Dasso Innaa Daa Bhaapa Singhu Baithaa. Yadde Modi With Farmers De. #ShameOnBJP #ModiAgainstFarmers#supportfarmers #IndiaSupportFarmerProtest pic.twitter.com/JRwVTonoer— Harp Farmer (@harpfarmer) December 22, 2020
एक अन्य ट्वीट में हरप्रीत ने कहा है, ‘बेशर्मी की भी कोई हद होती है, पर लगता है कि जियो के अनलिमिटेड इंटरनेट की तरह इनके बेशर्मी की हद भी अनलिमिटेड है।’
वहीं इस विवाद पर पंजाब भाजपा के मीडिया इंचार्ज जनार्दन शर्मा ने कहा, ‘मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि तस्वीर का इस्तेमाल कैसे किया गया और इसका इस्तेमाल किसने किया। हालांकि, मुझे लगता है कि अब इसे हटा दिया गया है।’
क्या था भाजपा के पोस्ट में ?
अब डिलीट किए जा चुके पोस्ट में पंजाब बीजेपी ने दावा किया था कि मौजूदा सीजन में फसलें एमएसपी पर खरीदी जा रही हैं। मैसेज में कहा गया था कि सरकार की नोडल एजेंसियों ने 412.91 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी और 77,957.83 करोड़ रुपये चुकाए, जिससे 48.56 लाख किसानों को फायदा हुआ।
एमएसपी पर मूंग, मूंगफली, सोयाबीन, उड़द की दाल, कपास और कोपरा की खरीद के बारे में भी जानकारी दी गई थी। पोस्ट में दावा किया गया था कि आंकड़े 19 दिसंबर, 2020 तक के थे।
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इस पोस्ट के साथ कुर्ता-पायजामा, पगड़ी पहने हुए और कुदाल लिए हुए एक मुस्कुराते हुए सिख किसान की तस्वीर भी थी।
इसके बाद भाजपा ने एक संदेश में कहा था, ‘कुछ ताकतें किसानों को गुमराह कर रही हैं और अपना एजेंडा चला रही हैं।’
हालांकि, पंजाब भाजपा के पेज पर हार्प फार्मर ने लिखा, ‘मैं 26 नवंबर से सिंघू सीमा पर हूं और मैं इन कृषि बिलों के खिलाफ हूं। मैं किसानों को उनके संघर्ष में समर्थन दे रहा हूं और भाजपा मेरी तस्वीर का उपयोग बिल के पक्ष में कर रही है और वह भी मेरी अनुमति के बिना। यह अभद्रता की ऊंचाई है। मैं सभी से इस बारे में रिपोर्ट करने की अपील करता हूं ताकि फेसबुक को भी भाजपा के इस कृत्य के बारे में पता चले।’
BJP uses farmer’s photograph for an ad for #farmlaws, but the farmer is seen protesting at Singhu border against the same laws.
NDTV’s Mukesh Singh Sengar with details | #FarmersProtest pic.twitter.com/XxDoXeciZU
— NDTV (@ndtv) December 22, 2020
कौन हैं हार्प फार्मर?
अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल में हार्प फार्मर ने खुद को एक अभिनेता, निर्देशक, फोटोग्राफर और प्रोड्यूसर बताया है। 36 वर्षीय हार्प होशियारपुर के निधुलोन गांव के हैं।
सिंघु बॉर्डर पर उनके साथ प्रदर्शन कर रहे उनके दोस्त मंजीत सिंह ने कहा, ‘उनके माता-पिता खेती करते हैं और वे अभिनेता और फोटोग्राफर होने के अलावा नियमित रूप से गांव भी जाते हैं। उनका मोहाली में एक फ्लैट भी है। भाजपा द्वारा इस्तेमाल की गई यह तस्वीर हमारे लिए चौंकाने वाली है।’
पहले भी फंस चुकी है ऐसी विवादों में भाजपा
यह पहली बार नहीं है जब बीजेपी किसानों की तस्वीर इस्तेमाल करने को लेकर विवादों में फंसी हो। अगस्त में फरीदकोट जिले के चंदबाजा गांव के एक किसान गुरप्रीत सिंह चंदबाज ने ई-एनएएम योजना के साथ-साथ कृषि अध्यादेशों पर प्रकाश डालने के लिए उनकी तस्वीर इस्तेमाल करने पर केंद्र सरकार के कृषि और किसान कल्याण विभाग से कड़ी आपत्ति जताई थी।
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