Tuesday - 29 October 2024 - 1:38 PM

उपचुनाव: यूपी की इस सीट पर ‘त्रिपाठी जी’ की जीत पक्‍की

जुबिली न्‍यूज डेस्‍क

उत्‍तर प्रदेश में तीन नवम्बर को सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, जिसके लिए सभी दलों ने अपने-अपने कैंडिडेट की घोषणा कर दी है। इस बीच देवरिया के सीट पर एक दिलचस्‍प संयोग देखने को मिला है। देवरिया सीट पर खास बात यह है कि बीजेपी, समाजवादी पार्टी, बसपा और कांग्रेस तीनों दलों ने ब्राह्मण प्रत्याशी का ऐलान किया है। देवरिया विधानसभा सीट पर चारों ब्राह्मण उम्मीदवार होने के बाद चुनाव बड़ा रोचक होगा।

बीजेपी विधायक जन्मेजय सिंह के निधन के बाद खाली हुई देवरिया सीट पर भाजपा ने इस बार ब्राह्मण प्रत्याशी इंटर कॉलेज के प्रोफेसर सत्य प्रकाश मणि को टिकट दिया है। वहीं, समाजवादी पार्टी (सपा) ने देवरिया से ब्रह्मा शंकर त्रिपाठी को टिकट दिया है।

Representational Photo.

कांग्रेस ने देवरिया विधानसभा सीट से उपचुनाव के लिए मुकुंद भास्कर को उम्मीदवार बनाया है। वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस सीट पर अभयनाथ त्रिपाठी को उम्मीदवार बनाया है।

बता दें कि यूपी की आठ विधानसभा सीटों में से 7 पर उप चुनाव की तारीखों पर का ऐलान कर दिया है। रामपुर की स्वार सीट पर उपचुनाव की तारीख की घोषणा नहीं की गई है। तीन नवंबर को सात सीटों पर उप चुनाव होगा।

BJP Strategy Against Sp Bsp Congress Alliance For 2019 Election - भाजपा ने निकाला गठबंधन का तोड़, सपा-बसपा और कांग्रेस को इस तरह देगी जवाब | Patrika News

देवरिया की सीट इस बार इसलिए भी खास हो गई है क्‍योंकि पिछले कई दिनों से उत्‍तर प्रदेश की राजनीति ब्राह्मणों के इर्द-गिर्द घूम रही है। समाजवादी पार्टी के एक नेता परशुराम की मूर्ति लगवा रहे हैं तो वहीं कांग्रेस के एक नेता ब्राहमण चेतना यात्रा कर के जरिए अपने समाज को जगाने का दावा कर रहे हैं। वहीं योगी सरकार पर ब्राह्मण विरोधी होने का आरोप लग रहा है।

सामाजिक समीकरण साधने में माहिर बसपा सुप्रीमो मायावती भी एकबार फिर से दलित-ब्राहमण एका करके सत्ता मनाने का सपना देखने लगी हैं। वहीं बीजेपी पार्टी अपने इस डेडिकेटेड वोट बैंक की नाराजगी को दूर करने के लिए लगातार मंथन कर रही है।

इसी बीच 2022 के विधानसभा से पहले सेमीफाइनल माना जा रहे उत्तर प्रदेश की सात सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर घमासान जारी है। इस सेमीफाइनल में सभी दल अपनी पूरी ताकत झोके हुए हैं ताकि आगे उनके पक्ष में माहौल बन सके। इसे लेकर खूब दांव पेंच भी अजमाए जा रहे हैं। लेकिन सबसे बड़ा खेल जिस सीट पर हो रहा है वह सीट है यूपी की देवरिया सीट।

इस सीट का महत्त्व ऐसे समझा जा सकता है कि यहां बीजेपी ने अपनी पहली लिस्ट में उम्मीदवार की घोषणा न करके आज अलग से ऐलान किया है। देवरिया सीट से भाजपा ने सत्य प्रकाश मणि को उम्मीदवार घोषित किया है।

इस सीट का परिणाम यह तय कर देगा की आखिर ब्राह्मण मतदाता किसके साथ है। भाजपा से इस समाज की नाराजगी कितनी है और विपक्ष पर भरोसा कितना है ? इन सभी सवालों का जवाब देवरिया से मिलेगा।

यह भी पढ़ें : तू भूखा और नंगा है, पर देश में सब चंगा है 

यह भी पढ़ें : यहाँ तो घोड़े ने ही सवार की लगाम पकड़ ली है

आपको बता दें कि देवरिया सीट को उत्‍तर प्रदेश में ब्राह्मण बाहुल्‍य मतदाता सीट माना जाता है। यही वजह है कि प्रदेश के राजनी‍तिक माहौल को भांपते हुए बीजेपी,सपा, बसपा और कांग्रेस ने इस सीट पर ब्राह्मण कैंडिडेट उतारे हैं।

जाहिर है इस सीट के मतदाताओं को अब ब्राह्मण प्रत्‍याशी में ही चुनाव करना है यानी जिस भी राजनीतिक दल के साथ ब्राह्मण समाज एकमुश्‍त जाएगा उसे ही चुनाव में जीत‍ मिलेगी। ऐसे में स्‍पष्‍ट है कि ब्राह्मण उत्पीड़न के आरोपों में घिरी भाजपा और योगी सरकार के लिए भी यह चुनाव उनके पाक-साफ होने का मौका लेकर आया है।

अगर भाजपा प्रत्‍याशी की जीत हुई तो ब्राहमण समाज की नाराजगी और योगी सरकार के जातिवादी व्‍यवहार के बारे में की जा रही चर्चाओं पर भी विराम लग जाएगा। दूसरी ओर अगर ब्राहमण मतदाताओं ने भाजपा से किनारा करते हुए किसी विपक्षी दल पर भरोसा दिखाया तो पूरे प्रदेश में राजनीतिक संदेश चला जाएगा कि सात सालों से भाजपा के साथ खड़ा ब्राह्मण समाज अब अपना रास्‍ता बदल चुका है।

यह भी पढ़ें : पीएम केयर्स फंड से अब तक सिर्फ छह फीसदी वेंटिलेटर का हुआ उत्पादन

यह भी पढ़ें :  इन संस्थानों के स्टाफ की सैलरी काट पीएम केयर फंड में पहुंचाए गए 205 करोड़ रुपए

Uttar Pradesh: Pall of gloom over Congress, SP, BSP offices, as BJP decks up its campaign centre - Assembly Elections 2017 News

बता दें कि 8 सीटों में से 5 सीट पर 2017 में निर्वाचित विधायकों के निधन की वजह से सीटें खाली हुईं थी। वहीं, 2017 विधानसभा चुनाव की बात करें तो 8 में से 6 पर भाजपा का कब्जा था। जिन 8 सीटों पर चुनाव होने हैं, उसमें से 5 विधानसभा सीटों पर 2017 में निर्वाचित विधायक कमल रानी वरुण, पारसनाथ यादव, वीरेंद्र सिरोही, जन्मेजय सिंह, चेतन चौहान का निधन हो चुका है।

यूपी में भाजपा को काबिज हुए लगभग साढ़े 3 साल का वक्त बीत चुका है। ऐसे में अब निर्वाचित विधायकों के पास सदन में बैठने का बहुत ज्यादा मौका नहीं होगा। सभी 8 निर्वाचित विधायक डेढ़ साल से भी कम वक्त के लिए निर्वाचित होंगे। दरअसल, 2022 में यूपी एक बार फिर विधानसभा चुनावों की तैयारियों में जुट जाएगा।

 

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com