न्यूज डेस्क
राजनीतिक दल, कार्पोरेट्स घरानों की चिंता क्यों करती है, इस पर हमेशा से सवाल उठता रहा है। सत्तासीन राजनीतिक दल जब कार्पोरेट्स के हक में फैसला लेती है तो भी सवाल उठता है। सवाल उठना लाजिमी है क्योंकि सत्ता में राजनीतिक दल को जनता ने पहुंचाया है। इसलिए सरकार को सबसे पहले जनता के बारे में सोचना चाहिए, लेकिन फिलहाल ऐसा हो नहीं रहा है। सरकार का कार्पोरेट्स के हितों का ख्याल रखना मजबूरी है, क्योंकि राजनीतिक दलों को भारी भरकम चंदा कार्पोरेट्स घरानों से ही मिलता है।
एक बार फिर चुनावी चंदा बहस के केन्द्र में हैं। दरअसल कॉरपोरेट कंपनियों ने पिछले वित्तीय वर्ष यानी 2018-19 में भाजपा को 472 करोड़ रु का चुनावी चंदा दिया, जिसमें से 356 करोड़ रु यानी करीब 75 फीसदी उसे टाटा समूह के प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट से मिला है।
हालांकि इस साल यानी 2018-19 के बीच भारतीय जनता पार्टी ने अब तक कुल 800 करोड़ रुपए चंदे से जुटाए हैं। यह जानकारी चुनाव आयोग में जमा किए गए दस्तावेजों में दी गई है।
भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव आयोग को यह जानकारी 31 अक्टूबर को दी है। इसके मुताबिक भाजपा को इस साल चेक और ऑनलाइन पेमेंट के जरिए कुल 800 करोड़ रुपए से अधिक चंदा मिला है, जबकि कांग्रेस को सिर्फ 146 करोड़ रुपए का चंदा मिला है।
इसमें कांग्रेस को चार चुनावी ट्रस्टों से करीब 99 करोड़ रु की रकम मिली। इसमें से 55.6 करोड़ रु यानी लगभग 56 फीसदी हिस्सा टाटा के ट्रस्ट से आया था।
इस साल भाजपा को मिले चंदे में पिछले साल की तुलना में करीब तिगुनी बढ़ोतरी हुई है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि 2018-19 में टाटा के ट्रस्ट ने तृणमूल कांग्रेस को भी 43 करोड़ रु दिए हैं जबकि इससे पिछले वित्तीय वर्ष में यह आंकड़ा शून्य था।
चुनाव आयोग में जमा किए गए दस्तावेजों के अनुसार भारत के सबसे धनी ट्रस्ट – द प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने भाजपा को 67 करोड़ रुपए का चंदा दिया है, जबकि इस ट्रस्ट ने कांग्रेस को 39 करोड़ रुपए चंदा दिया। इस ट्रस्ट को भारती ग्रुप, हीरो मोटोकॉर्प, जुबिलियेंट फूडवक्र्स, ओरिएंट सीमेंट, डीएलएफ, जेके टायर्स जैसे कॉरपोरेट घरानों का समर्थन मिला हुआ है।
आदित्य बिड़ला समूह के जनरल इलेक्टोरल ट्रस्ट ने भाजपा को 28 और कांग्रेस को 2 करोड़ रुपए बतौर चंदा दिया। इसके अलावा, ट्रिम्फ इलेक्टोरल ट्रस्ट ने भाजपा को 5 करोड़, हार्मोनी ग्रुप ने 10 करोड़, जनहित इलेक्टोरल ट्रस्ट और न्यू डेमोक्रेटिक इलेक्टोरल ट्रस्ट ने भाजपा को 2.5-2.5 करोड़ रुपए चंदे में दिए।
भाजपा को इन सभी ने दिए करोड़ों रुपयों के चंदे
हीरो समूह: 12 करोड़
आईटीसी: 23 करोड़
निरमा: 05 करोड़
प्रगति समूह: 3.25 करोड़
माइक्रो लैब्स: 3 करोड़
बीजी शिरके कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी: 15 करोड़
आदि एंटरप्राइजेज: 10 करोड़
लोढा डेवलपर्स: 4 करोड़
मॉडर्न रोड मेकर्स: 15 करोड़
जेवी होल्डिंग्स: 5 करोड़
सोम डिस्टिलरीज: 4.25 करोड़
आयोग को 20 हजार से ऊपर के चंदे की देनी होती है जानकारी
चुनाव आयोग को राजनीतिक दल उन्हीं चंदे की सूचना देते हैं जिसमें उसे 20,000 रुपए या इससे अधिक की रकम मिली हो। जिसका पेमेंट चेक या ऑनलाइन किया गया हो। चुनावी बॉन्ड के रूप में प्राप्त चंदा भी इस जानकारी में शामिल नहीं होता। दस्तावेज में कहा गया कि भाजपा को व्यक्तियों, कंपनियों और चुनावी ट्रस्टों की ओर से भी चंदा मिला है। चुनाव संहिता के अनुसार राजनीतिक दलों के लिए वित्त वर्ष के दौरान मिलने वाले कुल चंदे का खुलासा करना आवश्यक है।
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