जुबिली न्यूज डेस्क
देश में एक तरफ बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज है। वहीं दूसरी ओर अगले साल होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर भी सियासी पारा बढ़ा हुआ है। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक बार फिर से नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का जिन्न बाहर निकाल दिया है।
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बंगाल में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को जल्द लागू करने की बात कह कर राज्य में राजनीतिक भूचाल ला दिया। जिसके बाद सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने इसपर पलटवार किया है।
JP Nadda in WB – says CAA to be implemented soon
Listen up @BJP – we will show you the door long before we show you our papers!
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) October 19, 2020
टीएमसी सांसद और लोकसभा में पार्टी की आवाज मुखरता से रखने वाली महुआ मोइत्रा ने ट्वीट कर जेपी नड्डा को जवाब दिया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘जेपी नड्डा कह रहे हैं कि राज्य में जल्द सीएए लागू किया जाएगा। भाजपा सुन ले, हम आपको कागज दिखाने से पहले ही दरवाजा दिखा देंगे।’
बता दें कि संसद में जब इस विधेयक पर चर्चा की गई थी तब टीएमसी की तरफ से महुआ मोइत्रा ने मुखरता से अपनी बात रखी थी। मोइत्रा की गिनती मौजूदा संसद में सबसे आक्रामक वक्ताओं के तौर पर होती है। वहीं भाजपा को इस बार पश्चिम बंगाल में सरकार बनाने की उम्मीद है। पार्टी ने अभी से यहां चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है।
बता दें कि सोमवार को भाजपा अध्यक्ष ने पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में एक बैठक के दौरान ममता सरकार पर निशाना साधा। नड्डा ने कहा कि हमारी नीति सभी के विकास के लिए है। इस दौरान नड्डा ने कहा कि सीएए को बहुत जल्द लागू किया जाएगा। कोविड-19 महामारी के कारण इस कार्य में देरी हुई है।
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नड्डा ने कहा कि आप सभी को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का लाभ मिलेगा। इसे संसद में पारित किया गया है। कोरोना महामारी के चलते इसके कार्यान्वयन में देरी हुई है। लेकिन जैसे-जैसे हालत सुधर रहे हैं, इसके कार्यान्वयन पर काम चल रहा है। सीएए को बहुत जल्द लागू किया जाएगा। सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है। जेपी नड्डा ने पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वो अपनी पार्टी टीएमसी के राजनीतिक हितों के लिए राज्य में ‘फूट डालो और राज करो’ की राजनीति कर रही हैं।
बता दें कि पिछले साल केंद्र सरकार ने सीएए कानून लाया था, जिसके तहत अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई शरणार्थियों को भारत की नागरिका दी जा सकेगी। अब यह कानून बन चुका है। लेकिन, बीते साल दिसंबर से देश के कई हिस्सों में इसके खिलाफ प्रदर्शन हुए हैं। कोरोना महामारी की वजह से ये प्रदर्शन बंद कर दिया गया था।
पश्चिम बंगाल चुनाव में अभी एक साल का समय बाकी है लेकिन बीजेपी बंगाल में सरकार बनाने के लिए आतुर है और किसी भी कीमत पर अपनी सरकार बनाना चाहती है। इसके लिए ध्रुवीकरण की सियासत को धार देने में जुटी हुई है। अब देखना ये होगा कि ममता बीजेपी के इस चाल का जवाब कैसे देती हैं।