जुबिली न्यूज़ डेस्क
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर सूबे में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। बड़े दल जहां आगामी चुनाव की तैयारी में जुटे हैं तो वहीं छोटे-छोटे दल अपने भविष्य की रणनीति बना रहे हैं।
चुनाव को लेकर नए नए समीकरण बन रहे हैं। कोई घर वापसी करने की जुगत में है तो कोई बगावती तेवर दिखा रहा है। इसी बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर में एक बड़ा घटनाक्रम देखने को मिला।
शुक्रवार को यहां बीजेपी के सहयोगी दल निषाद पार्टी ने सूबे के मुखिया और उनकी पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलकर बड़ा संकेत दे दिया।
बता दें कि प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र निषाद की अगुवाई में निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं ने आरक्षण की मांग को लेकर गोरखपुर के बीजेपी सांसद रवि किशन के आवास का घेरवा किया। निषाद पार्टी ने सांसद रवि किशन के प्रतिनिधि प्रदीप शुक्ला को ज्ञापन सौंपा और उनकी मांग को संसद में उठाए जाने की मांग की।
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निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद एक बार फिर आरक्षण की मांग के अपने पुराने स्टैंड पर लौटते दिख रहे हैं। उन्होंने इसके लिये पहले की तरह फिर से आन्दोलन करने की तैयारी तेज कर दी है। संजय निषाद भारतीय जनता पार्टी पर आरक्षण को लेकर अपना वादा भूलने का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा है कि भाजपा ने चुनाव के पहले वादा किया था कि निषादों की सभी उपजातियों को SC/ST में शामिल किया जायेगा। अब वो अपना वादा भूल गये हैं। इसलिये उन्हें याद दिलाने के लिए एक बार फिर आन्दोलन किया जा रहा है।
भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी निषाद पार्टी 25 सतिम्बर को दिल्ली के तंजर-मंतर पर निषाद उपजातियों के आरक्षण की मांग को लेकर प्रदशर्न करेगी।
बता दें कि यूपी में भाजपा सरकार बनने के बाद हुए लोकसभा उपुनाव में तो संजय निषाद ने सपा के साथ गठबंधन कर सीएम योगी की गोरखपुर सीट पर ही भाजपा को पटखनी दे डाली और अपने बेटे प्रवीण निषाद को सांसद बना दिया। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव के पहले वह पलटी मारते हुए भाजपा से जा मिले और संत कबीर नगर से अपने बेटे का भाजपा का टिकट भी दिलवाकर फिर सांसद बनवा लिया।
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