जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव अपने आख़री पड़ाव की तरफ बढ़ चला है. पांच चरणों का मतदान सम्पन्न हो चुका है. दो चरणों के शेष चुनाव में अब बहुत ज्यादा समय नहीं है. छठे चरण का मतदान तीन मार्च को सम्पन्न हो ही जायेगा. आख़री चरण यानि सात मार्च के लिए ही सभी राजनीतिक दल अपनी पूरी ताकत झोंके हुए हैं.
बाकी बचे दो चरणों के चुनाव में 111 सीटों पर मतदान होना है. इन दो चरणों के लिए सबसे ज्यादा ताकत सत्तारूढ़ बीजेपी लगा रही है. बीजेपी की तरफ से प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह रात -दिन एक किये हुए हैं. इन सभी नेताओं का सबसे ज्यादा ध्यान पूर्वांचल के आठ जिलों पर है. यहाँ पर 16 सीटें ऐसी हैं जहाँ पर बीजेपी तमाम कोशिशों के बावजूद कभी नहीं जीत पाई है.
अखिलेश यादव का गढ़ माने जाने वाले आज़मगढ़ की सदर सीट के अलावा गोपालपुर, सगड़ी, मुबारकपुर, अतरौलिया, निजामाबाद और दीदारगंज सीट कभी भी बीजेपी ने नहीं जीती है. मुख्तार अंसारी की परम्परागत सीट मऊ सदर भी कभी बीजेपी को हासिल नहीं हो पाई है.
इसी तरह से हरिशंकर तिवारी के पुत्र विनय शंकर तिवारी की गोरखपुर में चिल्लूपार सीट पर भी बीजेपी अपनी तमाम कोशिशों के बावजूद कभी नहीं जीत पाई. यह हरीशंकर तिवारी की सीट है. इस सीट पर पार्टी नहीं हरीशंकर तिवारी का इशारा जीतता है. इसके अलावा देवरिया की भाटपाररानी और जौनपुर की मछलीशहर सीट पर भी कभी बीजेपी नहीं जीत पाई है.
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