जुबिली न्यूज डेस्क
लखीमपुर खीरी में हिंसा के बाद उत्तर प्रदेश में सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। योगी सरकार विपक्ष के निशाने पर है और अब तो भाजपा सांसद वरूण गांधी ने भी इस मामले में सीएम योगी को चिट्ठी लिखकर अफसोस जताया है।
सांसद वरूण गांधी ने इस चिट्ठी को अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा- ‘लखीमपुर खीरी की हृदय-विदारक घटना में शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। इस प्रकरण में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी से सख्त कार्यवाही करने का निवेदन करता हूं।’
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित चिट्ठी में वरूण ने लिखा कि विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसानों को निर्दयतापूर्वक कुचलने की जो हृदय-विदारक घटना हुई है, उससे सारे देश के नागरिकों में एक पीड़ा और रोष है। इस घटना से एक दिन पहले ही देश ने अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी की जयंती मनाई थी। अगले ही दिन लखीमपुर खीरी में हमारे अन्नदाताओं की जिस घटनाक्रम में हत्या की गई वह किसी भी सभ्य समाज में अक्षम्य है।
लखीमपुर खीरी की हृदय-विदारक घटना में शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। इस प्रकरण में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी से सख्त कार्यवाही करने का निवेदन करता हूँ। pic.twitter.com/e2tE1x4z3T
— Varun Gandhi (@varungandhi80) October 4, 2021
भाजपा सांसद ने आगे लिखा कि आंदोलनकारी किसान भाई हमारे अपने नागरिक हैं। यदि कुछ मुद्दों को लेकर किसान भाई पीडि़त हैं और अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के तहत विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं तो हमें उनके साथ बड़े ही संयम और धैर्य के साथ बर्ताव करना चाहिए। हमें हर हाल में अपने किसानों के साथ केवल और केवल गांधीवादी व लोकतांत्रिक तरीके से कानून के दायरे में ही संवेदनशीलता के साथ पेश आना चाहिए। इस घटना में शहीद हुए किसान भाईयों को श्रद्धांजलि देते हुए मैं उनके परिजनों के प्रति शोक संवेदना प्रकट करता हूं।
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भाजपा सांसद वरूण गांधी ने मुख्यमंत्री योगी से मांग की कि इस मामले में संदिग्ध लोगों को तत्काल चिह्नित कर आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या का मुकदमा दर्ज कराकर सख्त कार्रवाई करें।
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उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में तय समय सीमा के अंदर की जानी चाहिए।
वरूण ने पीडि़त परिवारों को एक-एक करोड़ रुपए का मुआवजा दिए जाने की भी मांग करते हुए कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में किसानों के साथ इस प्रकार का कोर्ठ भी अन्याय या ज्यादती न हो।