जुबिली न्यूज डेस्क
किसान आंदोलन से जुड़ी टूलकिट सोशल मीडिया पर शेयर करने में संलिप्तता के आरोप में पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को शनिवार को बेंगलुरू से गिरफ्तार किया गया।
दिशा रवि को गिरफ्तारी के बाद रविवार को दिल्ली की एक अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें 5 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता व सांसद पीसी मोहन ने उनकी तुलना मुंबई के 26/11 हमले में पकड़े गए पाकिस्तानी चरमपंथी मोहम्मद अजमल आमिर कसाब से की है।
ट्विटर पर पीसी मोहन ने लिखा है, “बुरहान वानी भी 21 वर्ष का था। अजमल कसाब भी 21 वर्ष का ही था। उम्र बस एक संख्या है। कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। कानून को अपना काम करने दीजिये। एक अपराध, हमेशा अपराध ही रहेगा।”
मोहन ने अपनी इस ट्वीट के साथ #DishaRavi का इस्तेमाल किया है और दिशा की एक तस्वीर भी पोस्ट की है।
उन्होंने लिखा है कि ‘जो लोग दिशा रवि का बचाव कर रहे हैं, उन्हें दिल्ली पुलिस के बयान को पढऩा चाहिए।’
Burhan Wani was a 21-year-old.
Ajmal Kasab was a 21-year-old.
Age is just a number!
No one is above the law.
Law will take its own course.
A Crime is a crime is a crime is a crime.#DishaRavi pic.twitter.com/m6eRwAnMuf
— P C Mohan (@PCMohanMP) February 14, 2021
भाजपा सांसद ने दिल्ली पुलिस का वो ट्वीट भी शेयर किया है, जिसमें लिखा है, “दिशा रवि उस टूलकिट की एडिटर हैं। वे उसे तैयार करने और उसे सोशल मीडिया पर सर्कुलेट करने वाले मुख्य साजिशकर्ताओं में हैं। उन्होंने ही उस टूलकिट के अंतिम ड्राफ्ट को बनाने वाली टीम के साथ काम किया था ताकि भारत के खिलाफ नफरत फैलाई जा सके। दिशा ने ही ग्रेटा थनबर्ग के साथ ये टूलकिट शेयर की थी।”
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बीजेपी सांसद पीसी मोहन विदेश मामलों पर बनी संसदीय समिति के सदस्य भी हैं। उनके ट्वीट को सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।
मोहन के बाद उनकी पार्टी की प्रवक्ता नुपुर शर्मा ने भी इस संबंध में ट्विट किया। उन्होंने लिखा, “किसी अपराध का उम्र या लिंग से कोई लेना-देना होता है? पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्याकाण्ड में शामिल महिलाएं भी कथित रूप से 17 या 24 वर्ष की थीं। निर्भया के रेपिस्ट और उसकी हत्या करने वालों में भी एक 17 वर्ष का था।”
What do gender and age have to do with crime?
Former PM Rajiv Gandhi’s assassin was a woman and allegedly either 17 or just 24.
Nirbhaya’s rapist and murderer was all of 17.
Yeah.#DelhiPolice
— Nupur Sharma (@NupurSharmaBJP) February 14, 2021
रविवार को दिल्ली की एक अदालत ने 22 वर्षीय पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था.
दिशा ने बेंगलुरु के एक प्राइवेट कॉलेज से बीबीए की डिग्री ली है और वो पर्यावरण के लिए काम करने वाली संस्था ‘फ्राइडेज फॉर फ्यूचर’ के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं।
हालांकि, दिशा रवि को पुलिस हिरासत में भेजे जाने पर कई कानून के विशेषज्ञों ने सवाल उठाये हैं।
सोशल मीडिया पर लिखा जा रहा है कि ‘महिला का प्रतिनिधित्व करने के लिए अदालत में वकील की मौजूदगी सुनिश्चित किये बिना, जज ने उन्हें पांच दिन की पुलिस कस्टडी में भेजने का आदेश कैसे दिया?’
उनके वकील की मौजूदगी के बिना उन्हें पुलिस कस्टडी में भेजने को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा हो रही है।
सोशल मीडिया पर दिशा रवि के समर्थन में भी बहुत से लोग आए हैं और लिख रहे हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा ने भी दिशा रवि की गिरफ्तारी को लेकर दिल्ली पुलिस की आलोचना की है और उन्हें जल्द से जल्द रिहा करने की मांग की है।
Samyukta Kisan Morcha condemns arrest of climate activist #DishaRavi by Delhi Police in toolkit case, demands her immediate release
— Press Trust of India (@PTI_News) February 14, 2021
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