जुबली न्यूज़ डेस्क
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का एक ट्वीट भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने 5 महीने तक संभाल कर रखा। 20 मार्च 2020 को किए गए इस ट्वीट को अब वायरल किया जा रहा है।
बता दें कि कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत कांग्रेस के 22 विधायकों ने मार्च में कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। इसके चलते 20 मार्च को कमलनाथ सरकार गिर गई थी, जिसके बाद ही ये ट्वीट करते हुए कमलनाथ की टीम ने दावा किया था कि जल्द ही मध्य प्रदेश में एक बार फिर उनकी सरकार बनेगी।
यह भी पढ़ें : पाकिस्तानी प्रोड्यूसर ने लगाया म्यूजिक चोरी का आरोप
मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिरने के साथ ही 20 मार्च को कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। कमलनाथ के इस्तीफा देने के कुछ ही घंटों बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट हुआ था, जिसमे लिखा था ‘इस ट्वीट को संभाल कर रखना- 15 अगस्त 2020 को कमलनाथ जी मप्र के मुख्यमंत्री के तौर पर ध्वजारोहण करेंगे और परेड की सलामी लेंगे। ये बेहद अल्प विश्राम है।’
अब स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त 2020 आ गया है। जिसे लेकर सोशल मीडिया भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने 20 मार्च के इस ट्वीट पर कमलनाथ को ट्रोल करना शुरू कर दिया है।
मध्य प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता लोकेंद्र पाराशर ने कांग्रेस के ट्वीट के स्क्रीनशॉट ट्वीट करते हुए लिखा है कि ‘हमने भी इसे संभाल कर रखा था। केवल 3 दिन बचे हैं, अब तो मान लो अल्पविराम नहीं पूर्ण विराम था। अच्छा होगा सरकार जाने के बाद आपकी चादर में जो बड़े-बड़े छेद हो रहे हैं, उनके लिए पैबंद ढूंढने का काम कर लो। अज्ञान और अहंकार की भी हद होती है।
हमने भी इसे संभाल कर रखा था ।
केवल 3 दिन बचे हैं,
अब तो मान लो अल्पविराम नहीं पूर्णविराम था।
अच्छा होगा सरकार जाने के बाद
आपकी चादर में जो बड़े-बड़े छेद हो रहे हैं,
उनके लिए पैबंद ढूंढने का काम कर लो।
अज्ञान और अहंकार की भी हद होती है @INCMP @INCIndia @OfficeOfKNath
👇👇 pic.twitter.com/6FYmhsIKgM— लोकेन्द्र पाराशर Lokendra parashar (@LokendraParasar) August 12, 2020
अनुज अवस्थी ने लिखा है कि, सम्भाल कर रखा था, आज निकाला है क्योंकि आज 13 अगस्त है और परसों 15 अगस्त….
सम्भाल कर रखा था, आज निकाला है क्योंकि आज 13 अगस्त है और परसों 15 अगस्त….
🤣🤣🙊🙊 https://t.co/zHkrmqIAEn— अनुज अवस्थी (@realanujpandit) August 13, 2020
यह भी पढ़ें : तो क्या माता वैष्णो देवी यात्रा पर फिर संकट के बादल छाए