जुबिली न्यूज डेस्क
मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक से जुड़े 122 करोड़ रुपये के गबन मामले में बीजेपी के पूर्व महाराष्ट्र सचिव हैदर आजम के छोटे भाई हाजी जावेद आजम को गिरफ्तार किया है। सूत्रों के अनुसार, जावेद आजम को सोमवार (17 मार्च) देर रात हिरासत में लिया गया, जब उनका नाम उन्नाथन अरुणाचलम उर्फ अरुण भाई से पूछताछ के दौरान सामने आया। अरुण भाई को शनिवार को गिरफ्तार किया गया था।
अरुणाचलम की गिरफ्तारी क्रॉफर्ड मार्केट इलाके से हुई थी, जहां उसने पूछताछ के दौरान 2021 में हितेश मेहता से 32 करोड़ रुपये प्राप्त करने की बात स्वीकार की। अरुणाचलम का कहना था कि उसने 15-20 करोड़ रुपये जावेद आजम को सुरक्षित रखने के लिए सौंपे थे।
18 करोड़ रुपये की निकासी ईओडब्ल्यू ने अरुणाचलम के बयानों को सत्यापित करने के लिए कई सबूत जुटाए हैं। जांच में यह सामने आया कि हितेश मेहता ने अरुणाचलम को धन देने से पहले दो अलग-अलग बैंकों से 18 करोड़ रुपये निकाले थे, और यह राशि फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) के रूप में रखी गई थी। हालांकि, आधिकारिक रिकॉर्ड में यह दावा किया गया कि यह धन बैंक की तिजोरी में सुरक्षित था, जबकि असल में वह अरुणाचलम को भेज दी गई थी।
आजम के वित्तीय लेन-देन की जांच अब ईओडब्ल्यू जावेद आजम के वित्तीय लेन-देन की जांच कर रही है, साथ ही यह भी देख रही है कि क्या उनके राजनीतिक संबंधों ने इस अपराध को छिपाने में कोई भूमिका निभाई है। जांचकर्ताओं को यह संदेह है कि जावेद आजम ने बिहार में अपने व्यवसाय में कुछ राशि का निवेश किया हो सकता है।
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अब तक सात गिरफ्तारियां इस मामले में अब तक कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। रविवार को, ईओडब्ल्यू ने वांछित आरोपी अरुणाचलम उल्लानाथन मारुथुवर को गिरफ्तार किया और मंगलवार (18 मार्च) तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।