जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार की वापसी के बाद भारतीय जनता पार्टी ने ज़मीनी स्तर पर काम करने वाले उन नेताओं की पहचान शुरू कर दी है जो 2024 के आम चुनाव में इसी ऊर्जा से जुट सकें और लोकसभा चुनाव के दौरान भी कीर्तिमान बनाने में सक्षम हों. यूपी बीजेपी के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह, ए.के. शर्मा, महासचिव जे.पी.एस राठौर और ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष नरेन्द्र कश्यप के योगी सरकार में मंत्री बन जाने के बाद संगठन के रिक्त पदों को भरने की तैयारियां भी तेज़ी से चल रही हैं.
उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी अब अध्यक्ष पद पर ब्राह्मण चेहरे पर दांव खेलने का मैन बना रही है. फिलहाल इस पद के लिए प्रदेश सरकार के पूर्व प्रवक्ता और पूर्व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, बस्ती के सांसद हरीश द्विवेदी और कन्नौज के सांसद सुब्रत पाठक के नामों पर विचार चल रहा है.
उत्तर प्रदेश बीजेपी के संगठन में उन्हीं चेहरों पर सबसे ख़ास नज़र है जो 2024 के मिशन को हासिल करने में मददगार साबित हो सकें. यूपी बीजेपी के महासचिव (संगठन) सुनील बंसल को राष्ट्रीय नेतृत्व का बहुत ख़ास माना जाता है. सुनील लखनऊ छोड़ने का मन बना चुके हैं और उन्होंने पार्टी से यह इच्छा जताई है कि उन्हें मौजूदा ज़िम्मेदारी से मुक्त कर दिया जाए.
सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रीय नेतृत्व भी सुनील बंसल को लखनऊ से मुक्त किये जाने के पक्ष में है. पार्टी चाहती है कि सुनील बंसल को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल किया जाए और उन्हें दो-तीन प्रमुख राज्यों का ज़िम्मा सौंपा जाए. पार्टी ने 2017 और 2022 के यूपी चुनाव में सुनील बंसल की ऊर्जा को परखने के बाद उनके बारे में यह फैसला किया है. सुनील बंसल संगठन और सरकार दोनों में पसंद किये जाते हैं. प्रत्याशी चयन से लेकर मंत्री चयन तक में सुनील बंसल की राय को अहमियत दी गई है. भारतीय जनता पार्टी प्रदेश संगठन में युवाओं को बड़ी भूमिकाएं दिए जाने की पक्षधर है. पार्टी कुछ युवा विधायकों को भी बड़ी जिम्मेदारियां संगठन में देने का मैन बना रही है.
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