Saturday - 26 October 2024 - 12:34 AM

तोड़ो और आगे बढ़ो के मंत्र पर तमिलनाडु में भाजपा

प्रीति सिंह

भाजपा की रडार पर तमिलनाडु कई सालों से है। अपने पांव मजबूत करने की कोशिश में लगी भाजपा को अब तक यहां कोई बड़ी सफलता नहीं मिल पाई है।

राज्य की दो द्रविड़ पार्टियों से मिल रही चुनौती के बाद से भाजपा को यह भलीभांति एहसास हो गया है कि यहां अकेले दम पांव जमाना आसान नहीं है। इसलिए आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक के साथ गठबंधन किया है।

अन्नाद्रमुक के सहारे भाजपा अपना जनाधार बढ़़ाने की कोशिश में तो लगी ही है साथ ही वह अपने हिंदुत्व के एजेंडे को भी धार देने की कोशिश में लगी हुई है। इसके अलावा भाजपा की अब तक की जो सबसे सफल रणनीति रही है उसे भी यहां आजमा रही है।

उत्तर प्रदेश, बिहार, असम, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में भाजपा ने विपक्षी पार्टियों के नेताओं को तोड़कर अपनी पार्टी संगठन को मजबूत करने का काम किया है। पश्चिम बंगाल में अपना संगठन मजबूत करने के लिए टीएमसी को तोड़ने में लगी हुई है ।

तमिलनाडु में भी अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी संगठन के विस्तार में जुटी है। बीजेपी की नजर डीएमके के असंतुष्ट नेताओं पर है। पिछले छह माह में तमिलनाडु के मुख्य विपक्षी दल डीएमके के दो बड़े नेताओं को तोडऩे में कामयाब रही है। भाजपा की निगाह अन्य असंतुष्ट नेताओं पर बनी हुई है।

ये भी पढ़े :  बीजेपी के बढ़ते दबाव से कैसे निपटेंगी ममता ?

ये भी पढ़े :  करुणानिधि और जयललिता के बगैर भी तमिलनाडु में सत्ता की लड़ाई रोमांचक है

भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने इस काम की जिम्मेदारी राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि को सौंपा है। उन्होनें बीते 21 नवंबर को डीएमके के पूर्व सांसद डॉ. केपी रामालिंगम की बीजेपी में ज्वाइनिंग कराकर राज्य में सियासी सरगर्मी पैदा कर दी थी। इससे पहले मई माह में डीएमके के डिप्टी जनरल सेक्रेटरी पद से हटाए जाने पर वी.पी. दुरैसामी ने बीजेपी का दामन थाम लिया था।

फिलहाल बीजेपी कोशिशों में जुटी हुुई है कि आने वाले वक्त में डीएमके के कुछ और नेता बीजेपी से जुड़ जाए। राज्य के बीजेपी को पूरी उम्मीद है कि ऐसा होगा। दरअसल डीएमके के अंदरखाने इस वक्त दो प्रमुख कारणों से नेताओं की नाराजगी चल रही है।

भाजपा के निशाने पर डीएमके

दरअसल डीएमके के अंदरखाने इस वक्त दो प्रमुख कारणों से नेताओं की नाराजगी चल रही है।कुछ नेता डीएमके में पार्टी मुखिया स्टालिन के बेटे उधयनिधि के बढ़ते वर्चस्व से परेशान हैं। स्टालिन अपने बेटे उधयनिधि को लगातार प्रमोट करने में जुटे हैं। इसकी वजह से पार्टी के कुछ वरिष्ठï नेता नाराज चल रहे हैं।

स्टालिन के बेटे उधयनिधि के हवाले डीएमके के यूथ विंग की कमान है। वह संगठन से जुड़े फैसलों में आम रायशुमारी करने में ज्यादा यकीन नहीं रखते। इसलिए वरिष्ठ  नेता नाराज हैं। भाजपा की निगाह ऐसे ही नेताओं पर हैं।

ये भी पढ़े : अमित शाह के असम दौरे से क्यों डरी कांग्रेस

ये भी पढ़े : तो इस तरह से एनआरआई का समर्थन हासिल करेंगे किसान

अगले विधानसभा चुनाव में सत्ता की मजबूत दावेदार मानी जा रही है डीएमके को एक और चुनौती मिलने जा रही है। डीएमके के निष्कासित नेता व स्टालिन के बड़े भाई एमके अलागिरी की एक बार फिर सियासी वापसी को लेकर चर्चा हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री अलागिरी ने अपनी पूर्व पार्टी ष्ठरू्य के साथ किसी भी तरह की साझेदारी को खारिज करते हुए बीते गुरुवार को कहा कि वह 2021 विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टी बनाने के बारे में 3 जनवरी को अपने समर्थकों के साथ चर्चा करेंगे।

अलागिरी ने कहा कि वह अभिनेता से नेता बने रजनीकांत से भी मिलेंगे, जिन्होंने पहले कहा था कि उनके नए राजनीतिक दल के विवरण की घोषणा 31 दिसंबर को की जाएगी। फिलहाल सियासी गलियारों में चर्चा है कि अलागिरी को भाजपा शीर्ष नेतृत्व का समर्थन है।

राजनीतिक पंडितों का कहना है कि अलागिरी के चुनाव में ताल ठोकने से डीएमके को नुकसान उठाना पड़ सकता है। वरिष्ठ  पत्रकार सुशील वर्मा कहते हैं कि अलागिरी का सियासी सफर शुरु होने के पीछे भाजपा का हाथ है। चूंकि भाजपा का कोई विशेष जनाधार राज्य में है नहीं, इसलिए वह डीएमके को सीधे तौर पर कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकती। इसलिए वह डीएमके के नेताओं को तोडऩे से लेकर स्टालिन के भाई का इस्तेमाल कर रही है।

ये भी पढ़े : अपनों के बगावत के खतरे, मगर टीएमसी को तोड़ने में लगी भाजपा

ये भी पढ़े : किसानों के आंदोलन की मार से रिलायंस हुआ परेशान

ये भी पढ़े :  ब्रिटेन के बाद अब इस देश में सामने आया कोरोना का नया स्ट्रेन

वह कहते हैं कि भाजपा अपनी रणनीति में धीरे-धीरे कदम बढ़ा रही है। भाजपा की नीति तोडऩे की रही है। आप पश्चिम बंगाल में देखिए। थोक के भाव में टीएमसी से नेता, विधायक भाजपा में शामिल हो रहे हैं। दरअसल भाजपा दूसरे दलों को तोड़कर अपने संगठन के मजबूत करती आ रही है। वही काम वह अब तमिलनाडु में भी कर रही है।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com