न्यूज डेस्क
महेंद्र नाथ पांडेय के मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने उत्तर प्रदेश के नए बीजेपी अध्यक्ष की तलाश शुरू कर दी है।
बता दें कि कुछ ही महीने में यूपी की 12 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाला है। लिहाजा नए बीजेपी अध्यक्ष के सामने एक बार फिर से पार्टी की पुरानी परफार्मेंस दोहराने की चुनौती होगी।
‘एक व्यक्ति-एक पद’
दरअसल, बीजेपी के ‘एक व्यक्ति-एक पद’ की नीति के तहत अब महेंद्र नाथ पांडेय एक साथ यूपी बीजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री नहीं रह सकते हैं। इसलिए ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि जल्द ही वे यूपी बीजेपी का पद छोड़ देंगे। इसी के साथ अब सबकी निगाहें इस बात पर है कि देश के सबसे अहम राज्य में बीजेपी का नेतृत्व कौन करेगा?
रेस में मंत्री, सांसद और एमएलसी
खबरों की माने तो यूपी बीजेपी की रेस में योगी सरकार में मंत्री से लेकर, सांसद और एमएलसी रेस में हैं। हाल ही के लोकसभा चुनाव में महेंद्र नाथ पांडेय ने अपनी जिम्मेदारी बेहतरीन तरीके से संभाली। बीजेपी ने यूपी की 80 सीटों में 62 सीटों पर जीत हासिल की है।
बीजेपी आलाकमान यूपी बीजेपी की कमान ऐसे नेता के हाथ में देना चाहेंगे, जो 2014 से चल रहे बीजेपी की परफॉर्मेंस को आगामी उपचुनाव और 2022 विधानसभा चुनाव में भी दोहराए।
ये चार नेता आगे
हालांकि, यूपी का नया बीजेपी चीफ कौन होगा इस बारे में सभी नेता मुंह बंद किए हुए हैं, लेकिन राज्य के कुछ सीनियर नेताओं ने संकेत दिया है कि योगी सरकार में मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, एमएलसी विद्यासागर सोनकर, लक्ष्मण आचार्य और सांसद महेश शर्मा नये अध्यक्ष की रेस में हैं। जानकारों की माने तो बीजेपी उत्तर प्रदेश में सभी जातीय गणित को समझ कर ही नए अध्यक्ष को चुनेगी।
स्वतंत्रदेव सिंह
लोकसभा चुनाव में स्वतंत्रदेव सिंह मध्य प्रदेश के इंचार्ज थे। एक बीजेपी नेता ने बताया कि उनके पास उस राज्य में अच्छा रिजल्ट देने की जिम्मेदारी थी, जहां हाल ही में बीजेपी सरकार गंवा बैठी थी, और कांग्रेस लंबे समय बाद सत्ता में लौटी थी। लेकिन स्वतंत्रदेव सिंह ने बखूबी अपनी जिम्मेदारी निभाई और एमपी में बीजेपी ने 29 में से 28 सीटें जीती।
विद्यासागर सोनकर
बीजेपी महासचिव और एमएलसी विद्यासागर सोनकर भी यूपी बीजेपी के लिए अध्यक्ष पद की रेस में हैं। सोनकर लोकसभा चुनावों के दौरान मीडिया और कवरेज से जुड़े सभी गतिविधियों के इंचार्ज थे। सोनकर के जिम्मे पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह के दौरे की खबरों को मीडिया में प्रमुखता से कवरेज दिलाने की जिम्मेदारी थी। बीजेपी नेता के मुताबिक सोनकर के पास लखनऊ और मोहनलालगंज लोकसभा सीट का भी चार्ज था।
पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक विधानपरिषद के सदस्य और बीजेपी नेता लक्ष्मण आचार्य और गौतमबुद्धनगर से सांसद महेश शर्मा भी यूपी बीजेपी के अध्यक्ष पद की रेस में डार्क रेस साबित हो सकते हैं।
सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास
पार्टी सूत्रों की मानें तो डॉ. पांडेय के रूप में एक बड़े ब्राह्मण चेहरे के केन्द्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद बीजेपी अब किसी दलित या अन्य पिछड़ी जाति पर दांव खेल सकती है, क्योंकि पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रचंड जीत के बाद कार्यकर्ताओं के बीच जो भाषण दिया था उसमें उन्होंने स्पष्ट संकेत दिया था कि उनकी सरकार और संगठन का सूत्र वाक्य सबका साथ सबका विकास के साथ अब सबका विश्वास जीतना भी है।
पार्टी दलित या ओबीसी चेहरे पर दांव लगा सकती
ऐसे में आम चुनावों के दौरान दलितों, पिछड़ों व अल्पसंख्यकों को लेकर जो यह बताया जा रहा था कि ये वर्ग अभी भी बीजेपी को पूरी तरह से आत्मसात नहीं कर पाया, उसका भरोसा जीतने के लिए पार्टी दलित या ओबीसी चेहरे पर दांव लगा सकती है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि बीजेपी में प्रदेश स्तर के कई ऐसे नेता हैं जिनकी सत्ता और संगठन पर समान रूप से पकड़ है। लिहाजा इन्हीं लोगों में से किसी एक को डॉ. महेन्द्र नाथ पांडेय का उत्तराधिकारी बनाया जा सकता है।