जुबिली न्यूज डेस्क
‘लव जिहाद’ के मुद्दे को लेकर सियासत गरमाने लगी है।नेताओं के बीच जुबानी जंग तेज होने लगी है। मध्य प्रदेश ही नहीं कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश में भी लव जिहाद के खिलाफ कानून लाए जाने पर विचार शुरू हो गया है।
लव जिहाद के खिलाफ मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने ड्राफ्ट तैयार कर लिया है, जिसमें पांच साल तक की जेल का प्रावधान है। वहीं उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भी कानून बनाने के प्रस्ताव पर काम कर रही है।
सीएम योगी पहले ही कह चुके हैं कि यूपी में जल्द लव जिहाद को कानून बनेगा। यूपी गृह विभाग ने कानून विभाग को मामले से जुड़ी जानकारी दे दी है।
यूपी विधानसभा स्पीकर हृदयनारायण दीक्षित ने इस बारे में कहा कि यूपी कैबिनेट और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष लड़कियों के इस प्रकार से हो रहे शोषण की बात कई बार प्रकट की जा चुकी है। ये एक संवेदनशील मामला है। मसौदा तैयार किया जा रहा है। प्रदेश की जनता द्वारा इसका स्वागत किया जाएगा।
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दूसरी ओर ‘लव जिहाद’ के खिलाफ कानून के मुद्दे पर कांग्रेस के दिग्गज नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि ‘लव जिहाद’ बीजेपी के जरिये देश को विभाजित करने और सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने का बनाया गया शब्द है।
Love Jihad is a word manufactured by BJP to divide the Nation & disturb communal harmony. Marriage is a matter of personal liberty, bringing a law to curb it is completely unconstitutional & it will not stand in any court of law. Jihad has no place in Love.
1/— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) November 20, 2020
गहलोत ने कहा कि शादी-विवाह व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मामला है, उस पर अंकुश लगाने के लिए कानून लाना पूरी तरह से असंवैधानिक है और यह कानून किसी भी अदालत में नहीं टिकेगा। प्यार में जिहाद की कोई जगह ही नहीं है।
They are creating an environment in the nation where consenting adults would be at the mercy of state power. Marriage is a personal decision & they are putting curbs on it, which is like snatching away personal liberty.
2/— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) November 20, 2020
अशोक गहलोत ने एक और ट्वीट में बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि वे देश में एक ऐसा माहौल बना रहे हैं, जहां वयस्क सहमति के लिए राज्य की सत्ता की दया पर निर्भर होंगे। विवाह एक व्यक्तिगत फैसला है और वे इस पर अंकुश लगा रहे हैं, यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता को छीनने जैसा है।
उन्होंने आगे कहा कि यह सांप्रदायिक सद्भाव को बाधित करने और सामाजिक संघर्ष को बढ़ावा देने और संवैधानिक प्रावधानों की अवहेलना करने वाला है। राज्य नागरिकों के साथ किसी भी आधार पर भेदभाव नहीं करता है। फिलहाल कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सीधे तौर पर बीजेपी को घेरा है। अब देखना होगा कि बीजेपी का इस मुद्दे पर आने वाले दिनों क्या स्टैंड रहने वाला है।
इससे पहले ‘लव जिहाद’ को लेकर मध्य प्रदेश सरकार ने कानून बनाने का दावा किया है। इस मामले में सबसे पहले मध्य प्रदेश सरकार ने ही पहल की है।
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राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्र ने हाल ही ऐलान किया कि जल्द ही इससे जुड़ा कानून विधानसभा में पेश किया जाएगा। ये गैर जमानती अपराध होगा और दोषियों के लिए पांच साल तक की सजा का प्रावधान होगा।
सिर्फ यूपी ही नहीं कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश में भी लव जिहाद के खिलाफ कानून लाए जाने पर विचार शुरू हो गया है। बिहार में गिरीराज ने नीतीश सरकार से मांग करते हुए कहा कि यह विषय देश के राज्यों में परेशानी का सबब बन गया है।
लव जिहाद वाली समस्या को जड़ से समाप्त करना होगा और अगर बिहार में लव जिहाद को रोकने के लिए कानून लाया जाए तो अच्छा होगा। राज्य सरकार को समझना चाहिए कि लव जिहाद को रोकना और जनसंख्या नियंत्रण का संबंध सामाजिक समरसता से है ना कि यह सांप्रदायिकता को बढ़ावा देना है।
हालांकि, गिरिराज सिंह के ‘लव जिहाद’ पर कानून लाने की मांग पर जेडीयू ने कहा कि हमारा विश्वास सद्भाव में है। जेडीयू प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि हमारे नेता नीतीश कुमार सभी धर्मों और जातियों को साथ लेकर चलने वाले व्यक्ति हैं। कोई सरकार क्या फैसला ले रही है, यह उनका मामला है।
लव जिहाद पर हमारी सरकार को निर्णय लेना है। संजय सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने कभी भी दबाव की राजनीति नहीं की है। उन्होंने कहा कि समाज को तोड़ने वाला कोई भी प्रस्ताव आएगा तो उसे स्वीकार नहीं किया जाएगा।
लव जिहाद पर जिस तरह नेता बढ़ चढ़कर बयान दे रहे हैं और बीजेपी शासित प्रदेशों में इसके खिलाफ कानून बनाने की दौड़ चल रही है उससे साफ जाहिर है कि लव जिहाद का मुद्दा जल्दी शांत होने वाला नहीं है। लेकिन इस बीच ये सवाल उठ रहा है कि लव जिहाद के खिलाफ कानून सियासत के लिए जरूरी है या फिर जनता के लिए जरूरी है।