Monday - 28 October 2024 - 5:34 PM

बीजेपी ने नहीं बनाया सीएम पद का उम्मीदवार, फिर भी भारी पड़ रहा ये नेता…

जुबिली न्यूज डेस्क

मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश नहीं किया है. ऐसा कहा जा रहा है कि 18 साल से सत्ता पर काबिज शिवराज सिंह चौहान को बीजेपी फिर से दोहराना नहीं चाहती है. माना जा रहा है कि शिवराज सिंह चौहान अब थक गए हैं और यह वह ‘थकान’ फैक्टर है, जिसके चलते नए चेहरों को मौक़ा दिए जाने की बात हो रही है.

एक मीडिया रिपोर्ट कहती है कि कैसे इस दौड़ में शिवराज सिंह चौहान अब भी मज़बूत स्थिति में बने हुए हैं और पार्टी के चुनाव जीतने पर उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक़ शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र बुधनी के लोग इस ‘थकान’ फैक्टर को राजनीतिक तौर पर नहीं देखते हैं, बल्कि वे कहते हैं कि यह शारीरिक थकान है, जिसे लेकर वे चिंतित हैं, क्योंकि शिवराज सिंह चौहान एक लंबे चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं.

जैत गांव में शिवराज सिंह चौहान के पुराने पड़ोसी मुकेश चौहान द हिंदू अख़बार को बताते हैं, “हमने उनसे कहा है कि चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद उन्हें यहां आने की जरूरत नहीं है. हम यह तय करेंगे कि वे फिर से चुनाव जीतें.”

वह कहते हैं, “कहीं कोई थकान नहीं है. जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान लगभग सभी 230 सीटों को कवर करने के बाद वे दिन में कम से कम तीन या चार विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं.” अगर बीजेपी, मध्य प्रदेश में फिर से जीतकर आती है तो मुख्यमंत्री पद के लिए संभावित दावेदारों के रूप में सात सांसद मैदान में हैं, जिनमें से तीन केंद्रीय मंत्री हैं. चर्चा है कि शिवराज सिंह चौहान प्रचार के लिए राज्य भर में यात्रा कर रहे हैं, जबकि केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल को छोड़कर बीजेपी ने जिन सांसदों को मैदान में उतारा है, वे सिर्फ़ अपनी-अपनी विधानसभा तक ही सीमित हैं.

शिवराज सिंह के छोटे भाई नरेंद्र चौहान अख़बार को बताते हैं कि 41 प्रतिशत लोग उन्हें मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में चाहते हैं.वे कहते हैं, “आप बाक़ी सांसदों को एक तरफ़ रख दो और शिवराज को एक तरफ़. इसके अलावा नरेंद्र चौहान ने चुनाव लड़ रहे सांसदों और मंत्रियों पर कोई टिप्पणी नहीं की. उन्होंने बस इतना कहा कि यह आलाकमान का आदेश था और इसके पीछे कोई वजह रही होगी.

बुधनी विधानसभा के शाहगंज बाज़ार में घूम रहे दीपक पटेल इस बात पर ज़ोर देते हैं कि शिवराज सिंह चौहान को छिपाने की हर संभव कोशिश की जा रही है, बावजूद वही राज्य में मुख्यमंत्री का चेहरा हैं.राज्य के दूसरे हिस्सों में लगे चुनावी पोस्टरों में शिवराज सिंह चौहान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और राज्य इकाई प्रमुख वी. डी के साथ एक चौथा चेहरा हो सकते हैं लेकिन बुधनी में लगे पोस्टरों पर शिवराज सिंह इकलौता चेहरा हैं.

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शिवराज सिंह को लेकर लोगों की ये सारी बातें, मध्य प्रदेश में बीजेपी के बड़े चुनावी अभियान के उस विरोधाभास को दिखाती हैं, जहाँ एक तरफ़ पार्टी यह दिखाने का काम कर रही है कि वह शिवराज सिंह चौहान के बिना सब कुछ कर रही है, वहीं दूसरी तरफ यह भी मान रही है कि वे मध्य प्रदेश में पार्टी का सबसे जाना-माना चेहरा हैं. पार्टी का काम, शिवराज सिंह के साथ जुड़ने वाले थकान फैक्टर को कम करना और लीडरशिप के सवाल पर कोई साफ़ जवाब नहीं देना है, ताकि अलग-अलग नेताओं के साथ जुड़ा बीजेपी कैडर, पार्टी की जीत के लिए कड़ी मेहनत करे.

बड़ा चुनावी अभियान लाडली बहना योजना

शिवराज सिंह चौहान का बड़ा चुनावी अभियान राज्य में लागू की गई लाडली बहना योजना है, जिसके तहत महिलाओं को हर महीने 1250 रुपए दिए जा रहे हैं.वे चुनावी सभाओं में खुद को ‘मामा’ की तरह पेश करते हैं, यानी वे बताते हैं कि महिलाओं के भाई हैं और अगर बीजेपी जीतकर सत्ता में वापस नहीं आई, तो लाडली बहना योजना बंद हो सकती है.अख़बार के मुताबिक़ यह साफ़ है कि शिवराज सिंह चौहान का सूर्यास्त इतनी जल्दी होने वाला नहीं है.

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