सुरेन्द्र दुबे
तमाम विरोध व प्रदर्शन के बावजूद केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून को लागू किये जाने के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। जाहिर है कि सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि भले ही देश में जेएनयू सहित चाहे जितने विश्वविद्यालयों में इस कानून के विरोध में आन्दोलन चल रहा हो और विपक्षी दल छाती पीट-पीट कर कानून वापस लेने की मांग कर रहे हो पर सरकार हर हाल में नागरिकता संशोधन कानून लागू करेगी।
यानी दोनो तरफ तलवारें खिंच गई हैं। देखते हैं अंजामे गुलिस्ता क्या होगा?
इस बीच कल मुजफ्फरगनर के भाजपा विधायक विक्रम सैनी ने यह कहकर फिर एक बखेड़ा खड़ा कर दिया है कि पाकिस्तान को भी अपने यहां नागरिकता कानून को संशोधित कर देना चाहिए जिससे हिन्दुस्तान और पाकिस्तान के मुस्लिमों की अदला-बदली हो सके। जो मुसलमान हिन्दुस्तान में पीडि़त हैं पाकिस्तान चले जाए और जो पाकिस्तान में पीडि़त है वह हिन्दुस्तान चले आएं।
अब यह बयान भले ही भाजपा का न हो या केंद्र सरकार का न हो पर सत्ताधारी दल के एक विधायक का है और इस पर अभी तक सरकार की ओर से या फिर पार्टी की ओर से खंडन नहीं किया गया है। इसलिए इसे आग में घी डालने वाला बयान ही माना जाएगा। क्या यह मुसलमानों को एक संदेश है कि जिन्हें नागरिकता संशोधन कानून पसंद नहीं है वे पाकिस्तान चले जाएं।
पाकिस्तान चले जाने की धमकी भाजपा के तमाम सांसद व विधायक पहले भी देते रहे हैं, जिस पर भाजपा की ओर से कभी कोई सफाई नहीं दी गयी है। यानी फिर वही हिन्दू-मुस्लिम के नाम पर समाज को बांटने की साजिश शुरू हो गर्ई है।
भाजपा के बयानवीर नेता कोई न कोई विवादास्पद या घटिया बयान देकर सुर्खियों में बने रहने या फिर कहें कि हाईकमान की आंख का काजल बने रहने के आदी हो गये हैं। गुलिस्ता को शर्मशार करने वाले एक सांसद भी है।
ये हैं भाजपा के सांसद व पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय जिन्होंने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में वहां के अधिकारियों से कहा कि अगर भाजपा के कार्यकर्ताओं को परेशान करना बंद नहीं किया गया तो उनकी सरकार बनने पर ऐसे अधिकारियों को मुर्गा बना दिया जायेगा।
अब अगर किसी पार्टी के सांसद इस तरह के बयान देते हैं तो यह समझ लेना चाहिए कि हम किधर जा रहे हैं।
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कैलाश विजयवर्गीय ने विदूषक के अंदाज में यह भी कहा कि ऐसे अधिकारियों की सूची बन रही है जब इनका नम्बर आयेगा तो फिर यह पूछा जायेगा, बोल कालिया तेरा क्या होगा?
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