जुबिली न्यूज़ डेस्क
कहते हैं कि जब इन्सान का वक़्त अच्छा होता है तो मिट्टी छूने से सोना बनती है लेकिन वक़्त बुरा हो तो सोना मिट्टी हो जाता है। वर्तमान परिस्थितियों में ये बात बीजेपी पर बड़ी फिट बैठती है। लगातार कई राज्यों में जीत हासिल करने के बाद मोदी और शाह की जोड़ी पिछले कुछ वक्त से फेल होती नजर आ रही है।
दरअसल बीजेपी के बड़बोले नेताओं की बड़ी बड़ी बातें ही उन पर भारी पड़ने लगी हैं। काले धन को वापस भारत लाने के नाम पर सत्ता पाने वाली बीजेपी आजतक स्विस बैंक में जमा किसी भी खाता धारक का रुपया तो वापस नहीं ला सकी लेकिन उनके कार्यकाल में ही कई बड़े कारोबारी देश को चूना लगाकर फुर्र हो गए।
साफ़ नियत और देशभक्त पार्टी अब तक किसी भी भगोड़े को वापस नही ला पाई और न ही कोई वसूली हो सकी इस्सी बीच देश की अर्थ व्यवस्था डगमगाई और आम आदमी की जमा पूँजी बैंकों में फंसी हुई है।
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इस सबके बीच सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने वाले कई मामले सामने आये। जिसमें से एक मामला नागरिकता संशोधन कानून का था इस मामले में यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक मास्टर स्ट्रोक खेला लेकिन वो मामला इतना पेंचीदा हो गया है कि योगी की वजह से मोदी सरकार भी सवालों के घेरे में है।
क्या है मामला
बता दें कि बीते साल 20 दिसंबर को हुई हिंसा के दौरान यूपी में बड़े पैमाने पर सार्वजनिक संपत्ति को आगजनी या तोड़- फोड़ के माध्यम से काफी नुकसान हुआ था। इसके बाद सरकार इस पूरे प्रकरण में सख्त नजर आ रही थी और वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी।
इसके तहत आरोपियों के पोस्टर तक लगाये गए थे लेकिन पोस्टर लगाने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस पर आपत्ति जतायी थी और पोस्टर हटाने के लिए कहा। हालांकि इसके बाद योगी सरकार ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है।
लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सड़कों के किनारे उपद्रवियों के पोस्टर फौरन हटाने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार भी कर दिया था।
जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ ने साफ तौर पर कहा था कि बेशक दंगाइयों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और उन्हें दंडित भी किया जाना चाहिए। मगर ऐसा कोई कानून नहीं है, जो सड़क के किनारे उपद्रवियों के पोस्टर लगाने को सही ठहरा सके।
अवकाश कालीन पीठ ने इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री को इस मामले को तत्काल मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे के सामने रखने को कहा, ताकि कम से कम तीन सदस्यीय पीठ का गठन किया जा सके, जो अगले हफ्ते इस मामले को सुन सके।
सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे ये सवाल
होर्डिंग वाली मुद्दे पर इन दिनों सोशल मीडिया पर योगी सरकार की कड़ी अलोचना की जा रही है। लोग सवाल दाग रहे है। जिसमे से एक यह है की, क्या 28 बड़े बैंक डिफाल्टरों के होर्डिंग्स भी लगाने की हिम्मत भी बीजेपी सरकार करेगी ? लोग कह रहे हैं कि बैंक का पैसा लेकर देश से भाग जाना भी जनता के साथ धोकेबाजी और देश के साथ गद्दारी ही है।
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