Sunday - 27 October 2024 - 4:10 PM

तो क्या सवर्णों के सहारे चुनावी वैतरणी पार करना चाहती है बीजेपी

जुबिली न्‍यूज डेस्‍क

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में इस बार बहुत कुछ नया देखने को मिल रहा है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं,  मगर लोजपा साथ नहीं है। लोजपा के अलग होने के बाद बुधवार को एनडीए ने अपनी सीट शेयरिंग के फॉर्मूले पर से पर्दा हटा दिया और बीजेपी और जदयू के सीटों का ऐलान हो गया।

बीजेपी और जदयू के बीच सीटों के बंटवारे के ऐलान के बाद एक चीज ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा, वह था सीटों की संख्या। बिहार की सियासत में ऐसा शायद पहली बार हुआ है जब भारतीय जनता पार्टी, नीतीश की जदयू से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ रही है। भले ही लोकसभा में बीजेपी ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़े, मगर विधानसभा में नीतीश की पार्टी जदयू ही बड़े भाई की भूमिका में होती थी, मगर इस बार पासा पलटा हुआ है।

दूसरी ओर बीजेपी ने मंगलवार को देर शाम पहले चरण के लिए 27 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। पार्टी ने टिकट वितरण में सामाजिक और जातीय समीकरण को साधने की पूरी कोशिश की है। पार्टी ने 27 में से सर्वाधिक 16 सीटों पर राजपूत, भूमिहार, ब्राह्मण चेहरे चुनाव मैदान में उतारे हैं। इसके अलावा ओबीसी, दलित और अति पिछड़ों को भी साधने की कोशिश की गई है।

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बीजेपी प्रत्याशियों की सूची पर नजर डालें तो सर्वाधिक सात टिकट राजपूत प्रत्याशियों को दिए गए हैं। छह भूमिहार और तीन ब्राह्मणों को टिकट देकर पार्टी ने अपने बेस वोट को खासा महत्व दिया है। इसके अलावा तीन यादव प्रत्याशियों को भी टिकट देकर बीजेपी ने राजद के परंपरागत वोट बैंक में सेंध लगाने का भी प्रयास किया है।

Bihar Assembly Elections: BJP releases first list of 27 candidates - bihar election - Hindustan Times

इसके अलावा तीन अनुसूचित जाति के प्रत्याशियों को टिकट मिला है। एक आदिवासी, एक वैश्य, एक बिंद, एक दांगी और एक चंद्रवंशी को भी बीजेपी ने टिकट दिया है। इस तरह पार्टी ने अगड़ों के साथ पिछड़ों, दलितों और अति पिछड़ों को भी हिस्सेदारी दी है।

बीजेपी की सूची में एक और खास बात यह है कि पार्टी ने 27 में से पांच महिला उम्मीदवार उतारे हैं। इनमें अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज श्रेयसी सिंह भी शामिल हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह की बेटी श्रेयसी हाल ही में बीजेपी में शामिल हुई हैं। उन्हें जमुई से उम्मीदवार बनाया गया है। इसके अलावा भभुआ से बीजेपी प्रत्याशी बनाई गई रिंकी रानी पांडेय उपचुनाव में पार्टी की उम्मीदवार बनी थीं। पहले उनके पति वहां से ‌विधायक थे।

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इसके अलावा 27 उम्मीदवारों में बीजेपी ने तीन नए लोगों को मौका दिया है। इसमें श्रेयसी सिंह के अलावा तरारी से कौशल कुमार सिंह हैं जो रणवीर सेना के मुखिया रह चुके ब्रह्मेश्वर सिंह के गांव के रहने वाले हैं। हालांकि पार्टी में लंबे समय से काम कर रहे हैं।

वहीं विक्रम से अतुल कुमार को मौका दिया गया है जो युवा मोर्चा के पदाधिकारी रह चुके हैं। पूर्व सांसद हरि मांझी भी चुनावी मैदान में आ गए हैं। पार्टी ने उन्हें बोधगया सुरक्षित से उम्मीदवार बनाया है। बाकी चेहरे पार्टी के जाने पहचाने हैं जो या तो 2015 में चुनाव लड़ चुके हैं या इसके पहले भी चुनाव लड़ते रहे हैं।

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BJP Candidate List: BJP first list for bihar election includes 27 candidates for assembly election 2020 - BJP Candidate List: बिहार चुनाव के लिए बीजेपी ने जारी की 27 उम्मीदवारों की पहली

बहरहाल, बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में भारतीय जनता पार्टी को जहां 121 सीटें मिली हैं, वहीं जदयू को 122 सीटें। मगर यहां जदयू के 122 सीटों में से सात सीटें जीतन राम मांझी की पार्टी हम को दी भी जाएंगी। इस तरह से इस चुनाव में जदयू कुल 115 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

वहीं, भारतीय जनता पार्टी की बात करें तो भाजपा के 121 सीटों में से कुछ सीटें सन ऑफ मल्लाह यानी मुकेश सहनी की वीआईपी को दी जाएंगी। हालांकि, यह साफ नहीं है कि कितनी सीटें दी जाएंगी, मगर राजनीतिक पंडितों का मानना है कि वीआईपी को तीन-चार से अधिक सीटें मिलती नहीं दिख रही हैं।

कुछ राजनीतिक पंडितों का यह भी मानना है कि बीजेपी अपने सिंबल से ही वीआईपी के उम्मीदवारों को चुनाव लड़ा सकती है। कुल मिलाकर 243 सीट पर एनडीए के सीट शेयरिंग फॉर्मूले को देखा जाए तो बीजेपी की सीटों की संख्या जदयू से ज्यादा है।

BJP to contest 121 seats, JD (U) to field candidates in 122 constituencies in Bihar- Fast Mail News

बिहार की सियासत में साल 2005 में नीतीश की जदयू और बीजेपी ने पहली बार मिलकर चुनाव लड़ा था। बिहार चुनाव 2020 से पहले जदयू और बीजेपी तीन बार मिलकर चुनाव लड़ चुकी है। सबसे पहले फरवरी 2005 में बिहार विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियों ने मिलकर चुनाव लड़ा।

इस चुनाव में 243 सीटों में से जदयू 138 सीटों पर लड़ी थी, जबकि बीजेपी 105 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। उस साल किसी को निर्णायक बहुमत न मिलने और लोजपा के किंग मेकर बनने से राष्ट्रपति शासन लग गया, जिसकी वजह से अक्टूबर में फिर चुनाव हुए।

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अक्टूबर 2005 चुनाव में भी जदयू और बीजेपी एक साथ ही थी। इस चुनाव में जहां जदयू ने 139 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे, वहीं भाजपा को 104 सीटें मिली थीं। इस चुनाव में भाजपा-जदयू गठबंधन की जीत हुई थी और सरकार बनाई थी।

साल 2010 के विधानसभा चुनाव में भी जदयू-बीजेपी साथ रही। इस चुनाव में बिहार की 243 सीटों में से जेडीयू 141 और बीजेपी 102 सीटों पर चुनावी मैदान में उतरी थी। इस बार भी एनडीए की ही सरकार बनी थी। इस तरह से अब तक के सभी चुनाव में जब-जब बीजेपी और जदयू साथ थी, जदयू के सीटों की संख्या ज्यादा थी, मगर इस चुनाव में बीजेपी के सीटों की संख्या ज्यादा है।

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