नदीम अख्तर
अगर शत्रुघ्न सिन्हा कांग्रेस में आकर पटना साहिब से बीजेपी कैंडिडेट रविशंकर प्रसाद को टक्कर दें तो कौन जीतेगा? शत्रुघ्न सिन्हा को हल्के में ना लीजिएगा। पहली बात।
दूसरी बात। बीजेपी ने मुस्लिम चेहरा शाहनवाज हुसैन का टिकट काट दिया। बीजेपी प्रवक्ता कह रहे हैं कि ये सीट गठबंधन के सहयोगी जेडीयू को जानी थी, सो गई, पर वे ये नहीं बता रहे कि भूमिहार गिरिराज सिंह का टिकट उनकी मौजूदा सीट से काटकर उनको बेगूसराय का टिकट दे दिया गया। यानी टिकट मिला। सो अगर शहनवाज की सीट भागलपुर से काटकर सहयोगी जेडीयू को देनी थी, तो फिर भूमिहार गिरिराज सिंह की ही तरह शहनवाज को भी कोई और सीट दे देते। कम से कम 2014 से 2019 तक मुंह बंद करके बीजेपी और मोदी जी की सेवा करने वाले शाहनवाज को यूं सरेआम रुसवा तो ना होना पड़ता।
उनको अगर आडवाणी-2 ही बनाना था तो 2014 के बाद ही उनको साइड लाइन कर देना था, क्यों बेचारे पिछले पांच साल टीवी आकर मोदी सरकार को defend करते रहे। उनके साथ बीजेपी ने धोखा किया। शहनवाज हुसैन को तत्काल बीजेपी छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लेना चाहिए।
तीसरी बात। वंशवाद की मुखालफत करने वाली बीजेपी हमेशा दोमुंहा सांप की तरह व्यवहार करती है। कहने को कुछ और करने को कुछ। पार्टी ने अपने कई नेताओं के बेटों और रिश्तेदारों को टिकट दिया है। मसलन वसुंधरा राजे के बेटे को भी राजस्थान से टिकट दिया। लिस्ट लम्बी है। बिहार में तो अपने सहयोगी रामविलास पासवान के पूरे परिवार को टिकट दे दिया है। सो अगली दफा बीजेपी जब वंशवाद और परिवारवाद की दुहाई दे तो ऐसा कहने वालों को जवाब देना बनता है।