जुबिली न्यूज डेस्क
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में रामनवमी के मौके पर शोभायात्रा पर हुए हमले को लेकर सियासत गरमा गई है. बीजेपी ने शोभायात्रा पर हुई पत्थरबाजी को लेकर पश्चिम बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद बोस को चिट्ठी लिखी है. बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने गवर्नर को लिखे पत्र में कहा है कि शोभायात्रा पर पथराव की जांच ‘नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी’ (एनआईए) से करवाई जाए. इस मुद्दे पर उन्होंने राज्य की टीएमसी सरकार को भी घेरा है.
गौरतलब है, शोभायात्रा पर छतों से पथराव होने से करीब 20 लोग घायल हुए हैं। घटना के बाद, इलाके में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। वहीं, जिले के शक्तिपुर इलाके में हुए विस्फोट में एक महिला घायल हो गई। पुलिस अभी तक यह पता नहीं लगा पाई है कि यह बम विस्फोट था या विस्फोट अन्य कारणों से हुआ।
सुवेंदु अधिकारी ने चिट्ठी में लिखा है, “मैं आपको (गवर्नर) पश्चिम बंगाल की खराब हो रही कानून-व्यवस्था से अवगत कराना चाहता हूं. बंगाल में अपना त्योहार मना रहे हिंदुओं पर हमला कर सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. राज्य में धार्मिक त्योहार मना रहे हिंदुओं पर पथराव, बम फेंकना प्रमुख आम घटना होती जा रही है. 2023 में भी इस तरह की घटना देखने को मिली और इस साल भी मुर्शिदाबाद में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई है.”
मुर्शिदाबाद दौरा करने की गुजारिश
बीजेपी नेता ने आगे कहा, “मुर्शिदाबाद में एक खास समुदाय के जरिए हमला किया गया. वहां मौजूद पुलिस ने एक्शन लेने के बजाय शोभायात्रा पर ही आंसू गैस के गोले दागे, ताकि आरोपियों को बचाया जा सके. मैं आपसे (गवर्नर) से गुजारिश करता हूं कि आप प्रभावित इलाकों का दौरा करें और वहां मौजूद तनाव को समझें. मैं इस बात का भी अनुरोध करता हूं कि तत्काल इस मामले की जांच एनआईए से करवाई जाए, क्योंकि शोभायात्रा पर पथराव के साथ-साथ बम भी फेंके गए.”
सीएम ममता ने दी थी चेतावनी
बता दें, यह घटना मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा मुर्शिदाबाद में रामनवमी पर दंगे भड़कने की चेतावनी देने के कुछ दिनों बाद हुई है. उनकी यह टिप्पणी चुनाव आयोग द्वारा मुर्शिदाबाद के पुलिस उपमहानिरीक्षक को जिले में हिंसा और अधिकारी की कथित निगरानी की कमी के आरोप में हटाए जाने के बाद आई है.
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ममता बनर्जी ने कहा था, ‘यहां तक कि आज भी सिर्फ भाजपा के निर्देश पर मुर्शिदाबाद के डीआईजी को बदल दिया गया. अब अगर मुर्शिदाबाद और मालदा में दंगे होते हैं तो इसकी जिम्मेदारी चुनाव आयोग की होगी. भाजपा दंगों और हिंसा को भड़काने के लिए पुलिस अधिकारियों को बदलना चाहती थी। अगर एक भी दंगा होता है तो इसके लिए चुनाव आयोग जिम्मेदार होगा क्योंकि वे यहां कानून-व्यवस्था की देखभाल कर रहे हैं.