Tuesday - 5 November 2024 - 1:40 AM

NCP के MLA के बिना भी BJP फ्लोर टेस्ट पास कर सकती है !

जुबिली न्यूज़ डेस्क

रविवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी रविवार को अपने विधायकों के साथ बैठक कर रही है। बीजेपी ने दावा किया है कि इस बैठक में 118 विधायक मौजूद हैं। विधानसभा चुनाव में बीजेपी के 105 विधायक जीते हैं। इसके अलावा बीजेपी कुछ निर्दलीय विधायकों के समर्थन का दावा कर रही है।

सुप्रीम कोर्ट कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना की अर्जी पर महाराष्ट्र सियासी ड्रामे पर भले ही अपना जो फैसला दे, लेकिन इतना साफ हो गया है कि विधानसभा में बहुमत का जादुई आंकड़ा हासिल करने की गणित में निर्दलीय और छोटी पार्टियों के विधायकों की अहम भूमिका साबित होने वाली है। एक लिहाज से कह सकते हैं कि दूसरी बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले देवेंद्र फडणवीस का भविष्य इन विधायकों पर ही निर्भर है।

अगर एनसीपी के दावे को सही माना जाए तो पार्टी में बड़ी टूट का संकट खत्म हो गया है, ऐसे में एनसीपी का बड़ा सिरदर्द तो दूर हो गया और यह सिरदर्द बीजेपी के ऊपर आ गया। बीजेपी के पास 288 सदस्यीय विधानसभा में 105 विधायक ही हैं। सरकार को बहुमत साबित करने के लिए कम से कम 145 विधायकों का समर्थन चाहिए।

पिछले महीने हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को जहां 105 सीटें मिली थी तो शिवसेना को 56, कांग्रेस को 44 और एनसीपी को 54 सीटें मिली थीं। शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस मिलकर सरकार बनाने की तैयारी में जुटी थी। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने दावा किया कि इस गठबंधन के पास 156 से ज्यादा विधायक हैं और निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी हासिल है। इस तरह से हमारे पास करीब 170 विधायकों का समर्थन है।

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि सदन में बहुमत साबित करने के दौरान निर्दलियों और छोटी पार्टियों की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है। जो भी कोई सरकार बनाएगा उसे निर्दलियों पर निर्भर रहना पड़ेगा। एक-एक वोट की कीमत होगी। 

महाराष्ट्र विधानसभा में इस समय 13 निर्दलीय और छोटे दलों से 16 विधायक चुन कर पहुंचे हैं। निर्दलीय विधायकों में से 11 पहले ही बीजेपी को समर्थन देने की घोषणा कर चुके हैं। अब अगर छोटे दलों की बात करें तो बहुजन विकास अघाड़ी के 3, पीडब्ल्यूए, युवा स्वाभिमान पार्टी और जन स्वराज शक्ति के एक-एक विधायक हैं। ये सभी बीजेपी को समर्थन देने की घोषणा कर चुके हैं। इसके साथ ही चुनाव पूर्व गठबंधन के तहत बीजेपी का राष्ट्रीय समाज पक्ष के साथ समझौता हुआ था, जिसका एक विधायक है।

हालांकि एआईएमआईएम समाजवादी पार्टी के दो-दो विधायक हैं और माकपा (माले) का एक विधायक है, जो बीजेपी को समर्थन नहीं करेंगे। समाजवादी पार्टी शिवसेना के पक्ष में वोट करेगी, क्योंकि उसे हर हाल में बीजेपी का विरोध करना है। वहीं कयास लगाए जा रहे हैं कि एआईएमआईएम के दोनों विधायक तटस्थ भूमिका अपनाने वाले हैं।

वहीं एनसीपी के लाख मनाने के बावजूद महाराष्ट्र के नवनियुक्त उप मुख्यमंत्री अजित पवार वापसी करने को तैयार नहीं हैं। सूत्रों का कहना है कि अजित पवार अपने फैसले पर अटल हैं। उनके साथ एनसीपी के तीन और विधायक भी साथ होने की चर्चा है।

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