जुबिली न्यूज डेस्क
26 जनवरी को दिल्ली में किसानों के टै्रक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा की वजह से किसान आंदोलन कमजोर होता दिख रहा है। जिस तरह से किसानों के आंदोलन को जन समर्थन मिल रहा है उसमें काफी गिरावट आई है। किसानों का आंदोलन कमजोर होता देख सरकार भी इत्मीनान में आ गई है।
अब तो भाजपा ने किसानों के साथ-साथ कांग्रेस के खिलाफ आक्रामक हो गई है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री और बीजेपी नेता प्रकाश जावड़ेकर ने किसान आंदोलन की हिंसा को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा है।
संवाददाताओं से बात करते हुए जावड़ेकर ने कहा, “राहुल गांधी लगातार केवल समर्थन नहीं कर रहे थे बल्कि उकसा रहे थे। सीएए के वक्त भी ये ही हुआ था। वैसे ही ये भी आंदोलन है। कांग्रेस की सरकार है पंजाब में, जानबूझकर किसानों को उकसाया गया। उन लोगों के ट्वीट्स भी हैं। एक ट्वीट में कांग्रेस ने लिखा कि अहिंसक मार्च को हिंसक दिखाने की कोशिश हो रही है। ये जो लाल किले पर हुआ, क्या वो अहिंसक था? नांगलोई में हुआ, अहिंसक था? जिस तरह पुलिस को पीटा गया क्या वो अहिंसक था?”
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री जावड़ेकर ने कहा कि सरकार ने तो बातचीत का रास्ता अपनाया लेकिन कांग्रेस किसानों को उकसा रही है। सरकार ने तो 11राउंड की चर्चा की, साल-डेढ़ साल कानून रोकने की भी तैयारी दिखाई। दिखाओ कि किसानों का कौन-सा हक कम हुआ है। इन कानूनों में बस किसानों को विकल्प दिया गया है। ये कांग्रेस को भी पता है लेकिन कांग्रेस समझौता नहीं होने देना चाहती।”
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जावड़ेकर ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि, “हम कांग्रेस की कड़े शब्दों में भर्त्सना करते हैं। पहले सीएए के वक्त ऐसा आंदोलन किया, एक बार फिर कर रहे हैं लेकिन सफल नहीं होंगे। देश की जनता इस सरकार के साथ खड़ी है। बाकी प्रदेशों में आंदोलन नहीं है। कांग्रेस के प्रयासों के बावजूद अनेक राज्यों में नहीं हुआ है।”
कुछ किसान संगठनों ने आंदोलन से खुद के किया दूर
किसान आंदोलन पर उठते सवाल और पुलिस का कसता शिकंजे से कुछ किसान संगठन दबाव में आ गए हैं। इसी के चलते कुछ संगठनों ने आंदोलन से खुद के दूर कर लिया है।
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के नेता वीएम सिंह ने किसान आंदोलन से खुद को दूर करने का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा, “मैं किसी और के साथ इस तरह से आंदोलन में नेतृत्व नहीं कर सकता जिनकी दिशा अलग हो। मेरी शुभकामनाएं उनके साथ लेकिन वीएम सिंह और राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन इस आंदोलन से खुद को दूर करने का ऐलान करते हैं।”
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वीएम सिंह की इस घोषणा के बाद किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा था, “कुछ किसान संगठनों ने हिंसा के बाद अपना आंदोलन खत्म कर दिया है ये अच्छी बात नहीं है। 26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद किसान आंदोलन को झटका लगा है। इस पर हम आत्मचिंतन करेंगे और अब हमें लोगों को दोबारा से इक_ा करना पड़ेगा। गणतंत्र दिवस के दिन जो कुछ हुआ उसकी हमने नैतिक जिम्मेदारी ली है।”