जुबिली न्यूज़ डेस्क
बीजेपी आज अपना 41वां स्थापना दिवस मना रही है। इस खास मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने सबसे पहले पार्टी में जुड़े सभी सदस्यों को याद किया।
डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी , पंडित दीनदयाल उपाध्याय , अटल बिहारी वाजपेयी, कुशाभाऊ ठाकरे, राजमाता सिंधिया, ऐसे अनगिनत महान व्यक्तित्वों को बीजेपी के प्रत्येक कार्यकर्ता की तरफ से पीएम ने श्रद्धांजलि दी।
पार्टी के 41 वें स्थापना दिवस पर पीएम मोदी ने पार्टी के सदस्यों को बधाई दी। इसके साथ ही उन्होंने कोरोना महामारी से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि बीजेपी लोगों का दिल जीतने वाला एक अभियान है। न की चुनाव जीतने की मशीन।
हमारी सरकार का मूल्यांकन उसके डिलिवरी सिस्टम से तय हो रहा है। ये देश में सरकारों के कामकाज का एक नया मूलमंत्र बना रहा है। इसके बावजूद, दुर्भाग्य ये है कि भाजपा चुनाव जीतती है तो उसे चुनाव जीतने की मशीन कहा जाता है।’
पीएम बोले कि ‘ पार्टी के गौरवशाली यात्रा के आज 41 वर्ष पूरे हो रहे हैं। इसके लिए आप सभी को बधाई। ये 41 वर्ष इस बात के साक्षी हैं कि सेवा और समर्पण के साथ कोई पार्टी किस तरह से काम करती है।’ इस दौरान उन्होंने डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी को याद किया।
उन्होंने कहा कि ‘भाजपा ने हमेशा ‘पार्टी व्यक्ति से बड़ी होती है’ और ‘राष्ट्र पार्टी से बड़ा होता है’ के मंत्र को माना है और इस पर काम किया है। ये परम्परा डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के दौर से जारी और आज तक चल रही है।’
इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ताओं को विरोधियों के खिलाफ सतर्क रहने की बात भी कही है। विरोधी भ्रम फैलाकर लोगों को भड़का रहे हैं। इसके लिए बीजेपी कार्यकर्ताओं को सतर्क रहना चाहिए।
इस खास मौके पर उन्होंने बीजेपी की वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाडी और मुरली मनोहर जोशी का भी अपनी बात में जिक्र किया। उन्होंने कहा ‘भारतीय जनता पार्टी को आकार और विस्तार देने वाले हमारे आदरणीय लाल कृष्ण आडवाणी, आदरणीय मुरली मनोहर जोशी जैसे अनेकों वरिष्ठों का आशीर्वाद हमेशा मिलता रहा है।’
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उन्होंने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी जैसे नेताओं ने भाजपा को राह दिखाई है साथ ही लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी जैसे नेताओं ने पार्टी को आगे बढ़ाया है। एक समय ऐसा था जब अटल बिहारी ने एक वोट से सरकार गिरने दी, लेकिन नियमों से समझौता नहीं किया। देश में राजनीतिक स्वार्थ के लिए दल टूटे हैं, लेकिन भाजपा में कभी ऐसा नहीं हुआ।