सैय्यद मोहम्मद अब्बास
भारत में क्रिकेट की बात होती है तो लोगों के जहन में सचिन का नाम कौंधने लगता है। हालांकि भारतीय क्रिकेट के इतिहास में कुछ बड़े नाम है जो आज भी लोगों को याद है। सुनील गावस्कार से लेकर कपिल देव भारतीय क्रिकेट का गौरव है।
उनके बाद सचिन तेंदुलकर पूरे विश्व क्रिकेट में एक अलग पहचान रखते हैं। हालांकि सचिन के संन्यास के बाद ये सवाल उठता रहा है कि आखिर उनका उत्ताराधिकारी कौन होगा। इतना ही नहीं लोग पूछते थे कि सचिन के बाद कौन, इसका जवाब है विराट कोहली।
ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि जिस अंदाज में सचिन खेलते थे उसी अंदाज विराट कोहली का बल्ला चलता है। आलम तो यह है रिकॉर्ड पुरुष सचिन भी अब विराट कोहली के सामने कमजोर लग रहे हैं।
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पांच नवम्बर को विराट कोहली 32वां जन्म दिन मना रहे हैं। विराट कोहली के खेल की खासियत है कि उनका बल्ला तब ज्यादा बोलता है जब टीम इंडिया को जरूरत होती है।
दबाव में उनका खेल ज्यादा निखर कर आता है। आंकड़े भी इस बात की ओर गवाही देते हैं। विराट ने अपने वन डे करियर में 43 शतक लगाये हैं लेकिन रोचक बात यह है कि उनके 34 शतक ऐसे है जिसमें भारतीय टीम ने जीत दर्ज की है।
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उन्होंने एक बार लखनऊ में विशेष बातचीत में अपनी कप्तानी को लेकर कहा था कि देश की कमान संभालना गर्व की बात है। हालांकि कप्तानी से जिम्मेदारी बढ़ जाती है। उन्होंने कहा था कि टीम को हर मोर्चा पर लीड करना पड़ता है। उन्होंने बताया था कि वो अपनी जिम्मेदारी से कभी भागते नहीं है। इस वजह से कप्तानी की जिम्मेदारी लेना अच्छा लगता है।
माही के बाद लगातार भारतीय क्रिकेट को बुलन्दियों पर पहुंचाने में लगे हुए है। कोहली की फील्ड पर आक्रामक शैली को लेकर हमेशा सवाल उठाया जाता है लेकिन विराट का ये अंदाज खेल प्रेमियों को खूब पंसद है।
विराट का जन्म 5 नवंबर 1988 को दिल्ली में हुआ था। विश्व क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ खिलाडिय़ों में से एक विराट कोहली अब नई रन मशीन बन चुके हैं। विराट जिस दिन रंग में होते उस दिन गेंदबाजों की शामत आना भी तय है। विराट अच्छे गेंदबाजों की लाइन लेंथ बिगड़ाने में माहिर है।
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अगस्त 2008 में विराट कोहली ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की थी और आज तक उन्होंने पीछे मुडक़र नहीं देखा। विराट कोहली जब भी बल्लेबाजी करने उतरते हैं तो वो दीवार की तरह पिच पर खड़े हो जाते हैं।
इस वजह से भारतीय टीम के लिए मुश्किल हालात को भी आसान बना देते हैं। अगर वो इसी रफ्तार से रन बनाते रहे तो तमाम रिकॉर्ड अपने नाम कर लेंगे। उन्होंने वन डे क्रिकेट में सबसे तेज दस हजार रन बनाये। सचिन ने 259 पारियों में दस हजार रन बनाये थे जबकि विराट ने यह कारनामा केवल 205 वन में किया।
विराट कोहली के साल 2006 बेहद कठिन दौर था। दरअसल कोहली रणजी के रण में दिल्ली की तरफ से खेल रहे थे और मुकाबला कर्नाटक से था लेकिन जरूरी बात यह है कि मैच से एक दिन पहले उनके पिता की मौत हो गई थी और उन्होंने 90 रन की बड़ी पारी खेली। विराट के पिता उनको स्कूटर पर बैठाकर स्टेडियम ले जाते थे।
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विराट पर एक नजर
- विराट ने 86 टेस्ट में 7240 रन बनाये हैं।
- इस दौरान उन्होंने 27 टेस्ट शतक जड़े हैं।
- उनका टेस्ट औसत 53.62 है।
- उनका सर्वश्रेष्ट टेस्ट स्कोर नाबाद 254 है।
- 248 वन डे में उन्होंने 11867 रन बनाये हैं।
- वन डे में उन्होंने 43 शतक जड़े हैं।
- वन डे में उनका औसत 59.33 है।
- उनका सर्वश्रेष्ट वन डे स्कोर 183
विराट कोहली टेस्ट रैंकिंग में एक बार 937 अंक के साथ टॉप पर पहुंच गए है। कोहली के अलावा कोई भी भारतीय खिलाड़ी टेस्ट रैंकिंग में इतने अंक हासिल नहीं कर पाया है। विराट ने चार लगातार सीरीज में दोहरा शतक जड़ा है। डॉन बै्रडमैन और द्रविड़ ने तीन सीरीज में तीन दोहरे शतक जड़े हैं।
बतौर कप्तान विराट ने टेस्ट छह दोहरे शतक लगाने वाले एकमात्र खिलाड़ी है। उन्होंने भारतीय खिलाड़ी के तौर पर सबसे ज्यादा 7 दोहरे शतक लगाने का रिकॉर्ड भी है।
कुल मिलाकर विराट कोहली जिस तेजी से आगे बढ़ रहे हैं वो सचिन के 100 शतक के रिकॉर्ड को भी बहुत जल्द पीछे छोड़ सकते हैं। उनके करिश्मायी खेल की बदौलत भारत कई मौकों पर शानदार प्रदर्शन कर रहा है। अब देखना होगा कि इस बार आईपीएल-13 की ट्रॉफी जीत पाते या नहीं।
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