जुबिली न्यूज डेस्क
कोरोना महामारी से जूझ रहे बिहार का सियासी तापमान बढ़ा हुआ है। पहले एंबुलेंस को लेकर विवाद हुआ और अब भाजपा के एक एमएलसी के बयान ने बवाल खड़ा कर दिया है।
दरअसल भाजपा एमएलसी टुन्ना पांडेय ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। टुन्ना पांडेय का कहना है कि नीतीश कुमार परिस्थितियों के मुख्यमंत्री हैं।
एमएलसी के इस बयान पर भाजपा की सहयोगी दल जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने कड़ी आपत्ति जताई है, जिसके बाद भाजपा ने टुन्ना पांडेय को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
भाजपा एमएलसी ने ट्विटर पर लिखा “मैंने जो कहा सच ही कहा, इस बार के भी हुए विधानसभा चुनाव में भी जनता ने तेजस्वी यादव जी को अपना मत देकर चुना था लेकिन सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करके नीतीश जी आज सत्ता में राज कर रहे हैं।”
भाजपा एमएलसी इसके पहले भी अपने बयानों से प्रदेश का सियासी पारा बढ़ा चुके हैं। इससे पहले टुन्ना पांडेय ने राजद नेता शहाबुद्दीन के उस बयान को सही कहा था, जिसमें शहाबुद्दीन ने नीतीश कुमार को परिस्थितियों के मुख्यमंत्री बताया था।
तब टुन्ना पांडेय ने कहा कि जब तक मोहम्मद शहाबुदीन के परिवार का कोई सदस्य सदन में नहीं जाता तब तक वो कोई चुनाव नही लड़ेंगे।
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उन्होंने कहा कि पूर्व सांसद की साजिश के तहत हत्या की गई है। प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी हाथ है। सीएम नीतीश कुमार चाहते तो मोहम्मद शहाबुदीन के शव को सिवान की मिट्टी नसीब हो सकती थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
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टुन्ना की बयान पर JDU संसदीय बोर्ड़ के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने नाराजगी व्यक्त की है। उपेन्द्र कुशवाहा ने ट्वीटर पर बिहार भाजपा के अध्यक्ष संजय जायसवाल को टैग कर लिखा “यह बयान आप तक भी पहुंच ही रहा होगा, संजय जायसवाल जी। ऐसा बयान अगर किसी जद(यू) के नेता ने भाजपा या उसके किसी नेता के बारे में दिया होता तो…अबतक…!”
यह बयान आप तक भी पहुंच ही रहा होगा, @sanjayjaiswalMP जी।
ऐसा बयान अगर किसी जद(यू) के नेता ने भाजपा या उसके किसी नेता के बारे में दिया होता तो……अबतक………!https://t.co/Fa4fHnx7SG @abpbihar https://t.co/rXNmyELUWo
— Upendra Kushwaha (@UpendraKushJDU) June 2, 2021
सिवान के रहने वाले टुन्ना पांडेय भाजपा के एमएलसी हैं। उनके भाई बच्चा पाण्डेय बड़हरिया से आरजेडी के विधायक हैं। तकनीकी तौर पर टुन्ना पाण्डेय जरूर भाजपा में हैं, मगर जिस तरह से उन्होंने शहाबुद्दीन की तारीफ में कसीदे गढ़ा और मुख्यमंत्री के खिलाफ बयानबाजी की वो पार्टी लाइन के खिलाफ है।
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अब सवाल उठता है कि आखिर मुन्ना पांडेय की नाराजगी की वजह क्या है। दरअसल मुन्ना पांडेय पर जुलाई 2016 में ट्रेन में सफर के दौरान छेडख़ानी का आरोप लगा था। इस मामले में उन्हें जेल भेज दिया गया था। तब उन्होंने पुलिस के बड़े अधिकारी पर साजिश का आरोप लगाया था।
माना जा रहा है कि तब से ही टुन्ना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजेपी के पटना लॉबी वाले नेताओं से नाराज रहते हैं। इसीलिए गाहे-बगाहे वो पार्टी लाइन से हटकर बयान देते रहते हैं। उनके दिए बयानों ने कई बार पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है।