जुबिलि न्यूज डेस्क
बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में 10 लोगों की जान लेने वाले वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के आदमखोर बाघ को आखिरकार मार दिया गया है। वन अधिकारियों ने शनिवार दोपहर में उसे शूटर्स के जरिए मौत के घाट उतारा। बता दें कि वीटीआर का ये आदमखोर बाघ अब तक 10 लोगों की जान ले चुका था।
बाघ की पहचान टी-105 के रूप में हुई
बता दे कि आदमखोर बाघ की पहचान टी-105 के रूप में हुई है। उसकी उम्र करीब तीन साल थी। एक दिन पहले ही नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी ने उसे गोली मारने के आदेश जारी किए थे। इसके लिए शूटर्स और नेपाल से विशेषज्ञों की टीम भी बुलाई गई। हालांकि, वन विभाग के अधिकारी बाघ को ट्रैंकुलाइज कर रेस्क्यू करने की कोशिश कर रहे थे। बीते 27 दिन तक अलग-अलग जगहों पर रेस्क्यू अभियान भी चलाया गया था, लेकिन आदमखोर बाघ हर बार टीम को चकमा देकर निकल जा रहा था।
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बाघ ने 72 घंटे में चार लोगों की जान ली
बाघ के लगातार हो रहे हमले से वीटीआर से सटे गांवों में लोग काफी खौफ में थे। बाघ ने इसी हफ्ते बुधवार देर रात घर में सो रही एक 12 साल की बच्ची को मार दिया। शुक्रवार सुबह भी उसने रामनगर में शौच पर गए एक शख्स पर पीछे से हमला कर दिया, जिसमें उसकी मौत हो गई। फिर शनिवार सुबह बलुआ गांव में चारा काटने गई महिला और उसके बेटे पर हमला कर मौत के घाट उतार दिया। आखिरकार आज बाघ का अंत हो ही गया।
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