जुबिली न्यूज डेस्क
एक ओर तालाबंदी के बीच पूरा देश कोरोना वायरस के संक्रमण से डरा हुआ था तो वहीं बिहार में इस डर का कहीं नामोनिशान नहीं था। लोग कोरोना से बचने के उपाय ढूढ रहे थे तो वहीं बिहार में शादी के लिए लड़कों के अपहरण की योजनाएं बन रही थीं।
कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए मार्च माह के अंतिम सप्ताह से हुई देशव्यापी तालाबंदी के बीच में बिहार में पकड़वा विवाह के मामलों में उछाल दर्ज किया गया। इस प्रथा के चलते राज्य भर से अपहरण की घटनाएं जारी रहीं।
बिहार के 38 जिलों अप्रैल से सितंबर के बीच विभिन्न पुलिस थानों में अपहरण के एक हजार से अधिक राज्य में पकड़वा मामले दर्ज किए गए। इन मामलों में से ज्यादातर का संबंध शादी से था।
बिहार पुलिस की वेबसाइट पर साझा-किए गए आंकड़ों के अनुसार, जनवरी से सितंबर तक शादी के लिए अपहरण लिए अपहरण के 2370 मामले दर्ज किए गए और उनमें से 1804 मामले केवल लॉकडाउन के महीनों में दर्ज किए गए। सितंबर तक केवल 7 मामले ही जांच के दौरान पुलिस ने झूठे पाए।
सिंतबर में आए सबसे सबसे ज्यादा मामले
आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में 81, मई में 139, जून में 305, जुलाई में 301, अगस्त में 286 और सितंबर में 344 मामले अपहरण के दर्ज किए गए। तालाबंदी से पहले, जनवरी से मार्च तक, विवाह के लिए अपहरण के 910 मामले दर्ज किए गए थे।
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बताया जाता है कि ज्यादातर विवाह परंपरा लड़कियों के परिवार जबरन शादी के लिए उपयुक्त युवाओं का अपहरण कर रहे हैं। परिवारअक्सर दोस्तों और रिश्तेदारों का भी सहयोग लेते हैं, और कभी-कभी पेशेवर अपराधियों को भी हायर करते हैं।
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार 18 साल से ऊपर के पुरुषों के अपहरण के मामले में बिहार देश में सबसे ऊपर है। साल 2019 में बिहार में विवाह के अपहरण के 4,498 मामले दर्ज किए गए।