सैय्यद मोहम्मद अब्बास
बिहार में चुनाव नजदीक है। ऐसे में वहां पर सियासी घमासान चरम पर जा पहुंचा है। नीतीश काफी समय से सत्ता में बने हुए है लेकिन पिछले चुनाव में लालू के साथ नीतीश ने समझौता कर दोबारा सत्ता हासिल की थी। हालांकि लालू-नीतीश की जोड़ी बीच में टूट गई थी। इसका नतीजा यह रहा कि नीतीश ने लालू को ठेंगा दिखाते हुए दोबारा बीजेपी में जा मिले थे। सूबे में सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। लालू भले ही जेल में हो लेकिन नीतीश को सत्ता से बेदखल करने के लिए कमर कस ली है।
बिहार में देखने को मिल रही है आपसी खींचातानी
उधर एनडीए बनाम महागठबंधन के बीच आपसी खींचातानी भी खूब देखने को मिल रही है। जहां एक ओर एनडीए नीतीश को अपना चेहरा बता रही है तो उसके साथी लोक जन शक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान लगातार नीतीश के रास्ते में काटा बने हुए है। हालांकि उनके बगावती तेवर के पीछे किसका हाथ इसको लेकर कयासों का दौर जरूर जारी है। लेकिन इतना तय है कि चिराग को कोई न कोई हवा जरूर दे रहा है। इस वजह से सियासत में उनका कद बढ़ता हुआ नजर आ रहा है।
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हिन्दुस्तान राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष विद्या सागर ने साधा चिराग पर निशाना
चिराग पासवान की राजनीति को लेकर जागो हिन्दुस्तान राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष विद्या सागर ने करारा तंज किया है। विद्या सागर ने जुबिली पोस्ट से बातचीत में कहा कि चिराग केवल निजी स्वार्थ के लिए ऐसा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोक जन शक्ति पार्टी का इतिहास रहा है कि जिधर सत्ता दिखती उधर उनका झुकाव रहता है।
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जागो हिन्दुस्तान पार्टी के अध्यक्ष विद्या सागर ने कहा कि चिराग भले ही नीतीश के खिलाफ बगावती तेवर अपना रहे हैं लेकिन केवल सीटों को लेकर वो ऐसा कर रहे हैं। अगर इतना चिराग को अपने ऊपर विश्वास है तो अकेले चुनाव लड़कर दिखाये। उन्होंने दावा किया है लोक जन शक्ति पार्टी की जमानत जब्त होगी।
उन्होंने कहा नीतीश सरकार ने जनता के लिए कुछ नहीं किया है। इतना ही नहीं लोक जन शक्ति पार्टी का भी यही हाल है। अब जब चुनाव नजदीक है तो वो केवल सियासी फायदे के लिए इस तरह की राजनीति कर रहे हैं।
उधर बिहार की राजनीति को नजदीक से देखने वाले वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी ने कहा कि चिराग के बगावती तेवर के पीछे बीजेपी की बड़ी राजनीतिक चाल है। दरअसल नीतीश को काबू करने के लिए बीजेपी लगातार चिराग पासवान को आगे कर रही है। इस वजह से नीतीश पर लगातार चिराग हमलावर नजर आ रहे हैं।
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बिहार चुनाव में जेल में बंद लालू का क्या है रोल
उन्होंने कहा कि चिराग पासवान की पार्टी केवल ज्यादा सीट पर चुनाव लडऩे के लिए एनडीए पर दबाव बना रही है। जहां तक लालू की बात की जाये तो वो भले ही जेल में बंद हो लेकिन वहां से बिहार चुनाव पर उनकी पैनी नजर है।
राजनीतिक गलियारों की माने तो लालू जेल में रहकर बिहार चुनाव को लेकर सक्रिय है। वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी ने बताया कि युवा वर्ग नीतीश से भले नाराज हो लेकिन उसके पास विकल्प नहीं है। जनता लालू की पार्टी पर दोबारा विश्वास शायद ही करे।
चिराग पासवान बिहार विधान सभा चुनाव में अपने आपको युवा बिहारी के तौर पेश किया है। उन्होंने कई मौकों पर युवा बिहारी के साथ-साथ बिहार फस्ट का नारा दिया।
दरअसल चिराग पासवान लगातार अपनी छवि को लेकर गम्भीर नजर आ रहे हैं। इसवजह से वो खास रणनीति के तहत राजनीति कर रहे हैं। जानकारों की माने तो नीतीश के लिए शायद यह आखिरी विधान सभा चुनाव हो। इस वजह से चिराग अपनी राजनीति के सहारे नई पहचान बनाना चाहते थे ताकि आगे उनके काम आ सके। उधर बीजेपी भी चिराग के सवाल कोई ठोस जवाब नहीं दे रही है।
बिहार में क्या चाहते हैं चिराग
राजनीतिक के जानकारों की माने तो बीजेपी 100 सीटों पर चुनाव लडऩा चाहती है जबकि जेडीयू 119 सीटों पर अपना दावा कर रही है जबकि एलजेपी को केवल 24 सीटों अपने प्रत्याशी उतारने की बात सामने आ रही है लेकिन इसी सारा पेंज फंस गया है। दरअसल एलजेपी के कई नेता 36 सीटें चाहते हैं। ऐसे में चिराग दबाव बना रहे हैं ताकि ज्यादा सीट अपनी दावेदारी पेश कर सके। अब देखना होगा कि चिराग की प्रेशर पॉलिटिक्स कितना काम आती है।