न्यूज डेस्क
एक बार फिर नीतीश सरकार को झटका लगा है। यह तीसरी बार होगा कि गणतंत्र दिवस के परेड में बिहार की झांकी नहीं दिखेगी।
जी हां, केन्द्र सरकार ने बिहार की प्रस्तावित झांकी को गणतंत्र दिवस परेड में प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी है।
बिहार की प्रस्तावित झांकी ‘जल जीवन हरियाली मिशन’ पर आधारित थी। बिहार को अनुमति इसलिए नहीं मिली क्योंकि केन्द्र सरकार द्वारा राज्यों की झांकियों के लिए तय किए गए जरूरी मानकों को पूरा नहीं कर रही थी। फिलहाल इससे नीतीश कुमार को बड़ा झटका लगा है।
दरअसल अक्टूबर 2019 में नीतीश सरकार ने “जल जीवन हरियाली मिशन” योजना को बड़े जोर-शोर से लागू किया था। इस योजना का उद्देश्य राज्य में हरियाली बढ़ाने और भूजल के स्तर को सुधारना है। इसी वजह से नीतीश सरकार ने गणतंत्र दिवस की परेड में भी अपनी इस योजना की झांकी पेश करने का फैसला किया था।
वहीं बिहार की झांकी निरस्त होने के बाद बिहार की विपक्षी पार्टी राजद ने केन्द्र की एनडीए सरकार पर निशाना साधा है। राजद ने इसे बिहार का अपमान बताया है। राजद ने कहा कि मोदी सरकार ने पहले बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने से इंकार किया और अब बिहार की झांकी को गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल करने से इंकार कर दिया है। यह भाजपा की ‘डबल इंजन’ वाली सरकार की सच्चाई है।
मालूम हो कि इससे पहले 2017 और 2018 में भी बिहार की झांकी को गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने की इजाजत नहीं मिली थी। बिहार सरकार ने वर्ष 2018 में महापर्व छठ की थीम पर झांकी भेजी थी, जबकि 2017 में बिहार सरकार ने बिक्रमशिला थीम पर झांकी भेजी थी, जिसे भी केन्द्र सरकार द्वारा निरस्त कर दिया गया था।
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