जुबिली न्यूज डेस्क
तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री नहीं बन पाए तो इसकी बड़ी वजह कांग्रेस को माना जा रहा है। राजनैतिक पंडितों से लेकर राजद नेता यह बात कह रहे हैं। कांग्रेस के खराब प्रदर्शन की वजह से महागठबंधन सत्ता से दूर हो गई।
70 विधानसभा सीटों पर मैदान में उतरी कांग्रेस केवल 19 सीट ही ला पायी, जिसका खामियाजा पूरे महागठबंधन को भुगतना पड़ा और केवल 0.03 प्रतिशत वोटों के अंतर से तेजस्वी सीएम नहीं बन पाए। राजद ही नहीं अब इस बात को लेकर अब कांग्रेस के अंदर ही बागी सुर उठने लगे हैं।
गुरुवार को कांग्रेस नेता तारीक अनवर ने ट्वीट कर कांग्रेस आलाकमान से चुनाव में अपने प्रदर्शन को लेकर मंथन करने की बात कही है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा है-हमें सच को स्वीकार करना चाहिए। कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन के कारण महागठबंधन की सरकार से बिहार महरूम रह गया। कांग्रेस को इस विषय पर आत्म चिंतन जरूर करना चाहिए कि उस से कहां चूक हुई ? MIM की बिहार में इंट्री शुभ संकेत नहीं है।
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हमें सच को स्वीकार करना चाहिए। कांग्रेस के कमज़ोर प्रदर्शन के कारण महागठबंधन की सरकार से बिहार महरूम रह गया।कांग्रेस को इस विषय पर आत्म चिंतन ज़रूर करना चाहिए कि उस से कहाँ चूक हुई ? MIM की बिहार में इंटरी शुभ संकेत नहीं है।
— Tariq Anwar (@itariqanwar) November 12, 2020
इसके अलावा दरभंगा के जाले विधानसभा से कांग्रेस की टिकट का दावेदार रहे ऋ षि मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस की खराब प्रदर्शन की वजह से तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री नहीं बन सके।
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उन्होंने कहा कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा खुद मिथिलांचल की राजनीति करते हैं, लेकिन मिथिलांचल की 30 सीटों में कांग्रेस एक पर भी चुनाव नहीं जीत सकी। ऐसे में कम से कम उन्हें मिथिलांचल में कांग्रेस के हार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से मांग करेंगे कि बिहार में हार की जिम्मेदारी तय करें और बिहार को बचाएं।
दरअसल जाले सीट से कांग्रेस ने मशकूर अहमद उस्मानी को टिकट दिया था। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र संघ उपाध्यक्ष मशकूर को टिकट देने के बाद बिहार की राजनीति गरमा गई थी। मशकूर के जिन्ना कनेक्शन को लेकर सत्ता पक्ष के नेता लगातार कांग्रेस पर सवाल खड़े कर रहे थे।